समाज कि लड़ाई लड़ने वाले लोगों के आदर्श कितने खोखले और सतही हैं, कि जिसे बनाने में उनकी सालों की मेहनत लगी होती है, उसे यह लोग छोटे से फाएदे के लिए कैसे खत्म करते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति ने इस तरह काम किया हो, नेताओं द्वारा तो अक्सर ही यह किया जाता रहा है। हरियाणा के ऐसे ही एक नेता के लिए ‘आया राम गया राम का’ जुमला तक बन चुका है। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? आपको क्या लगता है कि हमें अपने हक की लड़ाई कैसे लड़नी चाहिए, क्या इसके लिए किसी की जरूरत है जो रास्ता दिखाने का काम करे? आप इस तरह की घटनाओं को किस तरह से देखते हैं, इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?

तीन लोगों पर अनुसूचित जाति उत्पीड़न की रिपोर्ट हुई दर्ज

जनपद हरदोई के‌‌ अहिरोरी विकास खंड के गोंडा राव बाजार में सफल सम्पन्न हुई समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मीटिंग जिसमें पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक को एकजुट करने के लिए जन पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत से समाजवादी पार्टी को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए आने वाले 8 फरवरी को जनपद हरदोई के विकासखंड पिहानी मे‌ पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक जन पंचायत समाजवादी पार्टी की मीटिंग रखी जाएगी जिसमें सभी कार्यकर्ताओं को सक्रिय रहने के लिए दिए निर्देश विकासखंड पिहानी के अलावा हरियावा विकासखंड क्षेत्र के सभी गांव के पदाधिकारी जैसे ब्लॉक अध्यक्ष नगर अध्यक्ष जोनल प्रभारी सेक्टर अध्यक्ष बूथ अध्यक्ष एवं सभी कार्यकर्ताओं को जन पंचायत आयोजन को सफल बनाने के निर्देश दिए!मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राजेश्वरी देवी जी एवं विशिष्ट अतीथि। रहमत अली मोनू एवं विक्रम कुशवाहा बैठक के आयोजक जोनल अध्यक्ष शराफत अली तथा क्षेत्र के गणमान्य नागरिक एवं पार्टी कार्यकर्ता मौजूद

बेनीगंज। द्वार पर कूड़ा लगाने की उलाहना देने पर क्षेत्र के एकघरा में रह रहे एक गरीब परिवार को महंगा पड़ गया।तीन लोगो ने पिता पुत्री को पीट कर घायल कर दिए।पीड़ित पिता की तहरीर पर पुलिस ने तीन पर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बेनीगंज कोतवाली क्षेत्र के एकघरा निवासी रामरती ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि मेरे ही परिवार से 12 जनवरी दोपहर 12 बजे परिवार के सहदेव,प्रकाश व रजनीश पुत्रगण फकीरे दरवाजे पर आकर कूड़ा लगाने लगे।जब मैंने मना किया।तो उपरोक्त लोगो ने खुन्नस मानकर गाली गलौज कर मारपीट करने लगे।इस दौरान शोर शराबा सुनकर दौड़ी मेरी पुत्री आरती को भी पीटा है। कोतवाल उमाकांत दीपक ने बताया कि तीन लोगो पर मारपीट की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की जा रही है।

सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?