कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की नारी का सम्मान करना एवं उसके हितो की रक्षा करना हमारे देश की सदियों पुरानी संस्कृति हैं। यह एक विडम्बना ही हैं कि भारतीय समाज में नारी की स्थिति अत्यंत विरोधाभासी रही हैं, एक ओर उन्हें शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है और दूसरी ओर उन्हें बेचारा अबला भी कहा जाता है। इन दोनों चरमपंथी धाराओं ने महिलाओं के स्वतंत्र विकास में बाधा डाली है। सदियों से भारतीय समाज में महिलाओं ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय समाज उसी के बल पर खड़ा रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की सदियों से राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई है और इस विषम परिस्थिति के मद्देनज़र जिसमें हम है, ये कच्चे कदम निरर्थक है, इसलिए, ऐसी नीतियों की सख्त़ और तत्काल ज़रूरत हैं। महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से राज्य विधानसभा और संसदीय चुनावों में महिलाओं की सहमति से न्यूनतम भागीदारी सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानों ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहि है कि महिलाओं को देश के राजनीती से जोड़ना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जनता के लिए विकास और उत्थान जरुरी। एक विकासशील देश में चलाए जाने वाले अन्य कार्यक्रम अधिक आम हैं, जैसा कि भारत में नागरिक सरकार के बीच संबंध है। सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए और उन्हें विशेषाधिकार प्राप्त नहीं होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि राजनीति को विकास के लिए उपयोगी बनाना है। जहां नागरिक मतदान करने के लिए कतार में खड़े हैं और सरकार को वोट देने के लिए सड़कों पर भी उतर रहे हैं। देश के भीतर सत्ता संभालने वालों को चुनने के लिए नेताओं को मंजूरी देने और दबाव बनाने के लिए आधुनिक संचार और प्रौद्योगिकी। लोकतंत्र के लिए औपचारिक संस्थागत राजनीतिक निरंकुशता का उपयोग करते हुए राजनीतिक जुड़ाव। अत्यधिक सूक्ष्म तरीके से कार्य करता है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि चुनावी घोषणापत्र तैयार करना कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि इसके लिए राजनीतिक दल ऐसे नेताओं की जिम्मेदारी देते हैं जिनके पास जनता का समर्थन है। जान लें कि ऐसी सभी चीजें चुनावी घोषणापत्र में शामिल होती हैं, जिसके कारण जनता उस राजनीतिक दल को वोट देने का मन बनाती है। इसी तरह चुनाव को रद्द करने और बहाल करने का वादा किया गया है। चुनाव घोषणापत्र मुख्य रूप से हिंदी या एक क्षेत्रीय भाषा, अंग्रेजी में जारी किए जाते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जब चुनावी माहौल होता है तो नारों का क्या प्रभाव पड़ता है, नारों का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है। अकेले दौड़ने वाले हिटरों का क्रेज आम जनता में भी दिखाई देता है, जैसे कि उस वर्ष भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जब देश में अनाज की कमी थी। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय जवान का नारा दिया था, जिसने उस समय लोगों को ऊर्जावान किया था और अगले लोकसभा चुनावों में लाभान्वित किया था। एक बार फिर जीता, गरीबी हटाओ का नारा दिया, यह नारा बहुत लोकप्रिय था, एक वरिष्ठ नेता था और अब एक बहुत शक्तिशाली नेता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि 2024 के लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। या मुद्दा कोई और नहीं बल्कि वह है जिससे हम पहले दिन से जूझ रहे हैं वह है बेरोजगारी मुद्रास्फीति और विकास का कहना है कि चुनावी मुद्दा बेरोजगारी मुद्रास्फीति भ्रष्टाचार है लेकिन आपका घोषणापत्र। पत्र में इसे दिए गए महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंद्रह हजार से अधिक शब्द वाले घोषणापत्र में मुद्रास्फीति शब्द का उपयोग तीन स्थानों पर किया गया है। समाजवादी पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में दूध सहित सभी फसलों के लिए एम. एस. पी. की कानूनी गारंटी देने में अग्रणी रही है।

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