उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मंजू यादव मोबाइल वाणी से बता रही हैं कि लैंगिक असमानता एक व्यापक मुद्दा है जो कई मायनों में भारतीय महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित करता है, हालांकि लैंगिक असमानता के कई कारण हैं। कुछ सबसे आम कारणों में गरीबी शामिल है। विकास और महत्वाकांक्षा में हालिया वृद्धि को देखते हुए, हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि भारत अभी भी दुनिया के सबसे करीबी देशों में से एक है और भारत के सबसे बड़े कार्डर्स में से एक है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की उपलब्धता के बावजूद, परिवार अपने लड़कों को स्कूल भेजना पसंद करते हैं न कि परिवार की सबसे बड़ी लड़कियों को।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि भ्रूण जांच करवाना कानूनन अपराध है। ऐसा कोई काम नहीं जो बेटे कर सकते हैं और बेटियाँ नहीं तो फिर बेटियों को गर्भ में ही मार क्यों दिया जाता है। बेटियों को भी जीने का अधिकार होता है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी से बता रही हैं कि नारीवाद सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों और विचारधाराओं की एक श्रेणी है जो राजनीतिक, आर्थिक, व्यक्तिगत और सामाजिक हैं। नारीवाद यह धारणा है कि समाज पुरुष परिप्रेक्ष्य को प्राथमिकता देता है क्योंकि यह एक पुरुष प्रधान देश है और लैंगिक समानता और लैंगिक समानता प्राप्त करने के लक्ष्य को साझा करता है। पितृसत्तात्मक समाजों में महिलाओं को भेदभाव और अन्याय का सामना करना पड़ता है। इसका लक्ष्य पुरुषों के रूप में महिलाओं के लिए समान शैक्षिक, आर्थिक और पारस्परिक अवसर और परिणाम स्थापित करना है। लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, मातृत्व अवकाश और वेतन अधिकारों की वस्तुनिष्ठ प्रकृति को शामिल करना महत्वपूर्ण है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की कई योजनायें भी चलायी गयी कुछ हद तक इसे पुरा भी किये गए। लेकिन इसे सुचारू रूप से नहीं चलाया गया

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

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