झारखंड राज्य के रांची जिला से सुमित्रा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि झारखंड स्वादिस्ट होता है और आसानी से बनाया जाता है। इसके लिए एक गिलास अरवा चावल ,एक ग्लास उड़द दाल ,दोनों को अच्छे से साफ़ कर लेना है और उसे रात भर भिगों कर रखना है। फिर उसका पानी हटा कर मिक्सी में पीस लेना है। उसके बाद उसमे चुटकी भर नमक डाल कर अच्छे से मिला लेंगे। एक तरफ हम इटली का सांचा में पानी गर्म करने के लिए चढ़ायेंगे। कुछ साल के पत्ते लेंगे और उसे साफ़ कर के उसका कोण बना लेंगे। उसमे जो आटा का घोल तैयार कर लेंगे और उसमे आधा डालेंगे ,पूरा नहीं भरेंगे क्यूंकि पकने के बाद ये फैलता है उसके बाकी के कोण भी इसी तरह से भर लेंगे और इडली के साँचा में डालेंगे। इसे 15 से 20 मिनट के लिए पकने के लिए छोड़ देना है। आपके पास सरई का पत्ता नहीं हो तो केले के पत्ते में भी बना सकते

झारखंड राज्य के रांची जिला से सुमित्रा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि झारखंड में बनाया जाने वाला माल पुआ बहुत ही स्वादिष्ट बनता है इसको बनाने के लिए चावल को तीन से चार बार धो लेंगे और 7 से 8 घंटे भिगो कर रखेंगे। उसके बाद उसे छान लेंगे और कॉटन के कपड़े में फैला देंगे कम से कम 10 से 15 मिनट। उसके बाद उसे महीन पीस लेंगे। इसे हम एक कड़ाही में हल्का गर्म कर सकते हैं ,ये ऑप्शनल है। उसके बाद एक बर्तन में आटा लेंगे उसमे चीनी डालेंगे फिर उसमे बॉईल दूध को ठण्डा कर के लेना है। और अच्छे से मिलाना है इसको बहुत ज्यादा पतला नहीं करना है। पतला होने पर थोड़ा आटा डाल कर मिलायेंगे। इसके बाद एक कड़ाही में तलने के लिए तेल गर्म करेंगे तेल जब अच्छे से गर्म हो जाए उसमे बैटर का घोल थोड़ा सा डालेंगे और जब पुआ फूलकर ऊपर आए उसे पलट लेना है। जब हल्का ब्राउन हो जाए निकाल लेना है। इसी तरह से हम बाकी के बुआ को भी बना लेना है। इसे हम किसी त्यौहार या खास मौके पर बना सकते हैं। खास कर होली में ये बनाया जाता है। 

1कप मड़वा आटा लेंगे उसमे चुटकी भर नमक डालेंगे अच्छे से मिला लेंगे उसके बाद थोड़ा थोड़ा पानी डालते हुए उसका गाढ़ा बैटर तैयार करेंगे।  बैटर तैयार होने के बाद उसको 5 मिनट रेस्ट के लिए रखेंगे। उसके बाद एक तवा गर्म करने के लिए चढायेंगे तवा गर्म होने के बाद उसमे थोड़ा सा कोई भी खाने तेल डालेंगे और  फैलायेंगे फिर  एक कटोरी मड़ुआ का बैटर डालेंगे और कटोरी की सहायता से तवा में फैलायेंगे फिर ढक देंगे । जब एक तरफ पक जाए उसको पलट कर पकायेंगे जब दूसरी तरफ भी पक जाए उतार लेंगे। इसी तरह से पुरे बैटर का रोटी तैयार कर लेंगे। और इसे चटनी या सब्जी के साथ खाएंगे .

झारखण्ड राज्य के रांची जिला से सुमित्रा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि झारखंड का पारम्परिक ढक्कन डब्बा रोटी स्पेशल एक खास तरह के मिट्टी के बर्तन में बनता है। इसके लिए केवल चावल चाहिए। सबसे पहले हम दो कटोरी चावल लेंगे और 8 से 9 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रखेंगे। इसके बाद हम एक बर्तन में हल्का पानी गर्म करेंगे साथ ही चावल को मिक्सी में पीस लेंगे पिस्ते समय हम थोड़ा थोड़ा गर्म पानी डालते जायेंगे। जब सारा चावल पीस लेंगे थोड़ा देर रेस्ट  रखेंगे। गैस में मिटटी का बर्तन गर्म करने के लिए रखेंगे। उसके बाद हमे जिस आकार में रोटी चाहिए बैटर को डालेंगे .ऊपर से एक मिटटी का बर्तन ढक देंगे। जब ये अच्छे से पक जाए पानी का छींटा डालेंगे ताकि बैटर चिपके ना। इसी तरह से हम सारे ढक्कन डब्बा पीठा तैयार कर लेंगे। इसको हम चटनी या नॉनवेज के साथ खा सकते हैं। इसे हम दूध के साथ भी खा सकते हैं 

किसी भी शहर की वैसे तो कई पहचानें हो सकती हैं, आप की पहचान क्या है यह आपको खुद ढूंढना पड़ेगा, हां यह शहर आपकी मदद कर देगा बिना यह जाने के आप कौन है, कहां से आए हैं, और किसलिए आए हैं। यह इलाहाबाद में ही संभव है कि यह राजनीति की पाठशाला भी बनता है, तो धर्म का संगम भी इसी के हिस्से है, धर्म और अधर्म के बीच झूलती राजनीति को सहारा और रास्ता दिखाने वाली तालीम और साहित्य भी इसी शहर की पहचान हैं। इस सब के बावजूद कोई अगर प्रेम न कर पाए तो फिर उसके मानव होने पर भी संदेह होने लगता है।

आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर बुढ़मू थाना परिसर में बुढ़मू अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा एवं बुढ़मू थाना प्रभारी रामजी कुमार के द्वारा आर्म्स लाइसेंस धारकों का लाइसेंस सत्यापन किया जा रहा है, एवं हथियार को जमा लिया जा रहा है। बुढ़मू के पदाधिकारी ने बताया कि शेष बचे सभी लाइसेंस धारकों से अनुरोध है कि 30.03. 24 को अपना लाइसेंस का सत्यापन करवा लें , और अपना लाइसेंस थाना या पुलिस केंद्र में जमा कर दें।

पका हुआ कोहरा (पम्पकिन) का छिलका हल्का हल्का हटा दे और सको बड़े बड़े क्यूब आकार शेप में काट लें. २०० ग्राम आलू का छिलका हटाकर उसको मध्यम साइज में क्यूब शेप में काट ले। मुट्ठी भर भीगा हुआ चना ले. Ingredients- कोहरा- 400 gram आलू- २०० ग्राम Tel- 4 tablespoon Adrak- 1.5inches long भीगा हुआ चना- मुट्ठी भर Hing- 1 pinch Jeera- ½ tablespoon Panch Phoron- ½ tablespoon Roasted jeera powder- ½ tablespoon Prep time- 10-15 minutes Cooking Time- 20-30mins

ये रेसिपी मैंने अपने नानी से सीखा है। ये एक ग्रामीण रेसिपी है जिसमे पुआल में उगने वाले मशरुम का इस्तेमाल होता है। सबसे पहले हमे मशरुम को अच्छे साफ़ करके धो लेना है और मशरुम को धोकर बहुत ही छोटे टुकड़ों में काट लेना है। अब मशरुम में थोड़ा सा नमक और हल्दी मिलाके छोर दे। २५० ग्राम मशरुम के लिए १ टेबल स्पून सरसो का पेस्ट लें, १ बड़े साइज का पेयाज़ और १/४ टेबल स्पून कुटी हुयी अदरक लेना है। साथ ही २-३ हरी मिर्चो को छोटे टुक्रो में काट लेना है। अब कढ़ाई में सरसो का तेल लें तेल गरम होने पे उसमे बारीख कटी हुयी पेयाज़ दाल दे पेयाज़ गुलाबी हो जाने पे उसमे हरी मिर्च और कुटी हुयी अदरक दाल दे। अबतक में नमक हल्दी मिलाये हुए मशरुम से ढेर सारा पानी निकल जायेगा। मशरुम से अच्छे से पानी निचोड़ ले और मशरुम को कढ़ाई में डालके पेयाज़ अदरक के साथ धीमे आंच में भुने। अब स्वादानुसार नमक और हल्दी डालके अच्छे से भुने जब तक मशरुम नरम न हो जाए। मशरुम और पेयाज़ जब ७०% तक पक जाए तब इसमें सरसो का पेस्ट डाले और धीमे आंच में इसको पकाते रहे। जब सरसो का पेस्ट अच्छे से भून जाए ार तेल अलग होना स्टार्ट हो जाए जसको बांध कर दे। ऊपर से बरिख कटा हुआ हरा धनिया डाल के मिक्स कर ले। रेसिपी तैयार है। इसको आप रोटी और चावल दोनों क साथ खा सकते है। मशरुम एक बहुत ही पौष्टिक आहार है जिसमे प्रोटीन, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है और ये एक बहुत ही झटपट बनने वाली रेसिपी है। Prep Time- 10- 15 mins Cooking time- 15 minutes

स्वाद के साथ साथ पिट्ठा के काफी सारे अच्छे हेल्थ बेनिफिट्स भी है. क्योंकि इसे गरम पानी में उबाल के बनाया जाता है इसलिए ये हल्का होने के साथ साथ पचाने में आसान होता है. चना एक बहुत ही पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक दाल है. चने की दाल में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इसे सुपरफूड की श्रेणी में ला खड़ा करते हैं. चने में पोटैशियम, आयरन, विटामिन बी, मैग्नीशियम, जिंक और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके साथ ही चना हमारी इम्युनिटी को भी मजबूत करने में मदद करता है. यह हृदय रोगों और कैंसर के जोखिम को कम करता है. इसमें पाए जाने वाले फाइबर से हमें कब्ज की समस्या से राहत मिलती है. इस तरह से पिट्ठा बहुत ही फायदेमंद हो जाता है. आप आराम से इसे घर में बना सकते है.

मटन कोफ्ता बनाने की रेसिपी- सबसे पहले लहसुन, अदरक और खसखस ​​को एक साथ पीस लें. एक पैन में तेल गरम करें और उसमें प्याज़ डालें. इन्हें ब्राउन कलर होने तक फ्राई करें. फिर थोड़ा सा पानी डालकर मिला लें. एक दूसरे पैन में साबुत मसाले और एक कप पानी डालकर 10 मिनट तक उबालें. प्याज के मिश्रण में अदरक-लहसुन का पेस्ट और खसखस ​​का मिश्रण डालें और 2-3 मिनट तक भूनें. धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर और नमक डालें, अच्छी तरह मिलाएं. कटे हुए टमाटर डालें और मिलाएं. इस बीच, अंडा, चना पाउडर, धनिया पत्ती और मटन कीमा को नमक के साथ मिलाएं. हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर छोटे-छोटे कोफ्ते बनाकर एक तरफ रख दें. उन्हें प्याज के मिश्रण में डालें. सारे मसालों का पानी छानकर कोफ्ते में डाल दें, और उबाल लें. लगभग पांच मिनट तक पकाएं और फिर दही डालें. हीट कम करें और लगभग 45 मिनट तक पकाएं. मटन कोफ्ता बनकर तैयार है सर्व कर करें. गर्म परोसें.