झारखण्ड राज्य राँची जिला ओरमांझी से पलक प्रिया अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बतातीं हैं कि पहले उन्हें माहवारी के समय साफ़ सफ़ाई की सही जानकारी नहीं थी। माहवारी के समय वे कपड़ा धो कर इस्तेमाल करती थी और ऐसा करना उन्हें सही लगता था। लेकिन जब से उन्होंने अब मेरी बारी कार्यक्रम में जब माहवारी के समय दी जाने वाली विस्तृत जानकारी सुनी कि कैसे इस दौरान साफ़-सफ़ाई नहीं रखने से या फिर कपड़े का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करने से शरीर में संक्रमित बीमारी हो सकती थी। अब मेरी बारी कार्यक्रम को सुनने के बाद पलक प्रिया ने यह ठाना कि माहवारी होने पर कपड़े का इस्तेमाल नहीं करेंगी और ऐसे समय में खुद पर साफ-सफ़ाई की ज्यादा ध्यान देंगी। किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए अब मेरी बारी कार्यक्रम को धन्यवाद दे रही है।
झारखण्ड राज्य के रांची जिला बीआईटी से संजना कुमारी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि उन्हें अब मेरी बारी कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है और किशोर -किशोरियों को बहुत फायदा पहुंच रहा है। वे बतातीं हैं कि वे पहले आयरन की गोली नहीं खाती थी क्योंकि उन्हें लगता था कि आयरन की गोली सिर्फ बड़े लोग ही खाते हैं और इससे किशोर -किशोरियों का कोई लेना देना नहीं होता है। माँ के कहने पर भी वे हरी साग सब्ज़ियाँ नहीं खाती थी लेकिन जब उन्होंने अब मेरी बारी कार्यक्रम सुना और उन्हें आयरन की गोली के महत्व की विस्तार से जानकारी दी गयी तब उन्हें पता चला कि आयरन की गोली शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है और किशोर -किशोरियों के बढ़ते शरीर के लिए आयरन की गोली बहुत जरुरी होता है।इन सब जानकारियों के लिए वे अब मेरी बारी कार्यकर्म को धन्यवाद दे रही हैं।
झारखण्ड राज्य के जिला हज़ारीबाग बिष्णुगढ प्रखंड से चिंता कुमारी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम में किशोर -किशोरियों के लिए अलग अलग कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं जो बहुत सराहनीय है।चिंता कुमारी बताती हैं कि उनके क्षेत्र में लोग किशोर-किशोरियों को बहला फुसला कर रोजगार ,नौकरी दिलाने के बहाने घर से बाहर ले जाकर उन्हें कम पैसे में काम करवाने के साथ साथ शारीरिक शोषण और मानसिक शोषण किया जाता था। लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम में मानव तस्करी की जानकारी दी गयी और इसके बाद किशोर-किशोरियों ने यह ठाना है कि अब भविष्य में किसी के साथ काम के लिए घर से बाहर नहीं जाएँगी।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से प्रवेश कुमार ने युवा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अब मेरी बारी कार्यक्रम से उन्हें बहुत सारी जानकारियाँ मिली हैजो बढती उम्र के साथ साथ युवाओं के कई सवालों के जवाब देने में कारगार साबित होंगी, इनका कहना है कि स्कूलों में भी ये बताया जाता है कि बढती उम्र में युवाओं हरी साग-सब्जी खाना बहुत ही आवश्यक है पर इस कार्यक्रम से जो ख़ास हुआ है वो ये है कि इन्होने ये कार्यक्रम अपने माता-पिता को भी सुनाया क्योंकि पहले वो स्कूलों में बताई जा रही बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे पर अब मेरी कार्यक्रम में टिपि-टिप दीदी ने जिस तरह से सारी जानकारी बताई, उसको सुनकर इनके माता-पिता पर भी असर पड़ा है और वे अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम सुनाये जा रहे कार्यक्रमों से जानकारी ले रहे हैं
झारखण्ड राज्य के जिला हज़ारीबाग बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताते हैं कि उन्हें महिला उत्पीड़न के बारे में पहले सामान्य जानकारी थी लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से महिला उत्पीड़न की विस्तृत और अच्छी जानकारी मिली है।अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि महिला उत्पीड़न सिर्फ छुना ही नहीं बल्कि गलत तरीके से बातचीत करना ,गलत चीज़ों को दिखाना भी महिला उत्पीड़न के दायरे में आता है साथ ही कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि स्कूल प्रबंधन समिति ,पंचायत समिति इन सारी मुद्दों पर हमारी मदद कर सकती है। अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से इन सारी चीज़ों की जानकारी मिली।
झारखंड राज्य के ज़िला हज़ारीबाग से रीना देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि हमारे समाज में आज भी महिलाओं के लिए बहुत सारे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं,ताकि महिलाएँ जागरूक और सशक्त बन सकें। इसी तरह मोबाइल वाणी पर चलाए जा रहे कार्यक्रम अब मेरी बारी में किशोर-किशोरियों और महिलाओं के लिए कई जरुरी जानकारी दी गई। जिसका असर रीना देवी के जीवन में देखने को मिला।रीना देवी ने बताया कि अक्सर बच्चों में अंतर रखने के लिए पारम्परिक तरीकों पर ज़ोर दिया जाता है,जिससे कभी-कभी अनचाहा गर्भ भी ठहर जाता है । पर जब वो अब मेरी बारी कार्यक्रम सुनी तो बच्चों के बीच अंतर रखने के अलग-अलग तरीकों की जानकारी प्राप्त हुई ,जो काफी सराहनीय है।
झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला ,प्रखंड चूरचू ग्राम चरही से मिथिलेश कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी कार्यक्रम के माध्यम से बताते हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम से किशोर-किशोरियों के साथ-साथ युवाओं को भी अलग-अलग विषयों पर बहुत अच्छी जानकारी मिली है। लोगों में यह सोच पहले से है कि गर्भनिरोधक का इस्तेमाल खासकर बच्चों में अंतर रखने के लिए किया जाता है और इसका इस्तेमाल करने से कई बार परिवार आगे नहीं बढ़ पाता है । इससे कई तरह की संक्रामक बिमारियों के होने का भी खतरा होता है। मिथिलेश कुमार बताते हैं कि उन्हें इस विषय पर पहले से जानकारी तो थी पर अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से कंडोम का इस्तेमाल किस तरह से यौन संक्रमण से बचाता है ,इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी मिली। साथ ही उन्हें पहले यह जानकारी थी कि कंडोम एक परिवार नियोजन का सरल माध्यम है। लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम को सुनने के बाद उनकी सोच में बदलाव आया कि पति-पत्नी दोनों को ही कई तरह की संक्रमक बिमारियों से बचाया जा सकता है और पति-पत्नी दोनों के लिए सुरक्षित भी है।
झारखण्ड राज्य के जिला रांची से नीतू कुमारी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम में किशोर किशोरियों से सम्बंधित बहुत सी जानकारियाँ दी गयी। अब मेरी बारी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रस्तुत कड़ी में युवा मैत्री केंद्र की दी गयी जानकारी का असर नीतू कुमारी पर पड़ा। नीतू कुमारी बताती हैं कि पहले उन्हें युवा मैत्री केंद्र की जानकारी नहीं थी लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम में बताया गया कि युवा मैत्री केंद्र कैसे और किसके लिए काम करती है और इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी । अब मेरी बारी कार्यक्रम की कड़ी में सुरभि की कहानी बहुत अच्छी लगी।कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि युवा मैत्री केंद्र एक ऐसी जगह है जहाँ किशोर-किशोरियों अपने स्वास्थ्य ,विकास और गोपनीय बातों को लेकर खुल कर चर्चा कर सकते हैं। साथ ही युवा मैत्री केंद्र से बहुत सी जानकारियाँ भी ले सकते हैं।
झारखण्ड राज्य के जिला रांची डोरंडा से रूपा देवी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम में बाल विवाह पर की गयी चर्चा बहुत अच्छी लगी और इसका असर रूपा देवी की सोच पर भी हुआ। रूपा देवी बताती हैं कि आठवीं और नवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होते ही किशोर-किशोरियों की बाल विवाह कर दी जाती है। अब मेरी बारी कार्यक्रम में कॉउंसलिंग के माध्यम से समझाया गया कि लड़कियों की कमाई से ज्यादा जरुरी उनकी पढ़ाई होती है यह जानकारी रूपा देवी की सोच में बदलाव लेकर आया।लड़कियों को जितना ज्यादा हो सके पढ़ाना चाहिए ताकि पढ़-लिख कर वह घर सँभालने या नौकरी करने में सक्षम हो सके । रूपा देवी बताती हैं कि अब से वह भी अपनी बेटियों को जितना हो सकेगा पढ़ायेंगी।
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