मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 12 से 24 सितंबर तक चले परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान मुंगेर ने एक बार फिर से हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि - महिला बंध्याकरण के मामले में मुंगेर एक बार फिर से पूरे बिहार में रहा टॉप पर - आईयूसीडी (कॉपर टी) और पुरष नसबंदी के मामले में भी रहा दूसरे पायदान पर मुंगेर, राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 12 से 24 सितंबर तक राज्य भर में चले परिवार नियोजन सेवा पखवारा के दौरान महिला बंध्याकरण के मामले में एक बार फिर से मुंगेर जिला ने निर्धारित 600 की तुलना में लक्ष्य से अधिक 869 का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 144.8% सफलता के साथ पूरे बिहार में पहला स्थान हासिल किया है। इस मामले में पूरे बिहार में दूसरे स्थान पर रहे औरंगाबाद जिला ने निर्धारित 740 की तुलना में लक्ष्य से अधिक 946 का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 114.7% सफलता प्राप्त करते हुए पूरे बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं आईयू सीडी (कॉपर टी) के मामले में निर्धारित लक्ष्य 1650 की तुलना में 1044 का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 63.3 % सफलता हासिल कर पूरे बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस मामले में कटिहार जिला ने निर्धारित 3215 की तुलना में 2394 का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 74.5 % सफलता हासिल कर पूरे बिहार में पहले पायदान पर है। इसी तरह पुरुष नसबंदी के मामले में भी मुंगेर जिला ने एक बार फिर से निर्धारित लक्ष्य 55 कि तुलना में लक्ष्य से अधिक 76 का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 138.2 % सफलता हासिल करते हुए पूरे बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस मामले में मुंगेर प्रमंडल का ही शेखपुरा जिला ने निर्धारित लक्ष्य 35 कि तुलना में लक्ष्य से अधिक 83 का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 237.1% सफलता के साथ पूरे बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है। सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर ने बताया कि मुंगेर के जिलाधिकारी और जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के अध्यक्ष नवीन कुमार के कुशल नेतृत्व में मुंगेर जिला स्वास्थ्य के छेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि मुंगेर जिला ने एक बार फिर से स्वास्थ्य क्षेत्र अंतर्गत परिवार नियोजन के महिला बंध्याकरण में पूरे राज्य में पहले स्थान पर आया है। मुंगेर जिला ने एक ओर जहां महिला बंध्याकरण के मामले में लगातार दूसरी बार पूरे बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है वहीं पुरुष नसबंदी करवाने और आईयूसिडी (कॉपर टी) लगवाने में भी लगातार दूसरी बार पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि महिला बंध्याकरण में मुंगेर जिला का लगातार दूसरी बार पूरे बिहार में टॉप करना और पुरुष नसबंदी और आईयूसीडी में लगातार दूसरे स्थान रहना जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के डीपीएम नसीम रजी एवं डीसीएम निखिल राज के नेतृत्व में मुंगेर के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र सहित शहरी क्षेत्र में जाकर महिलाओं सहित अन्य लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरूक करने का ही परिणाम है। उक्त कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

स्कूल स्तर पर 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन के लिए जारी किए गए नए दिशा -निर्देश - राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने सभी जिलों के सिविल सर्जन, डीआईओ और जिला शिक्षा पदाधिकारी को जारी किए निर्देश - देश के कई राज्यों में टीकाकरण के बाद इस आयु वर्ग के बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन की सूचना मिलने के बाद जारी किया गया दिशा- निर्देश मुंगेर, 2 अप्रैल। स्कूल के स्तर पर 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने नए दिशा -निर्देश जारी किए हैं। इसको ले राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन, डीआईओ और जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा- निर्देश जारी किए हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ. राजेश कुमार रौशन ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल स्तर पर ही कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त सूचना के अनुसार देश के कई राज्यों में उक्त आयु वर्ग के कई बच्चों के कोरोना टीकाकरण के बाद उनके हॉस्पिटलाइजेशन की सूचना प्राप्त हुई है। इसके प्रारंभिक कारणों में बच्चों में एंग्जायटी पायी गयी है जिसमें बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इसको देखते हुए उक्त आयु वर्ग के बच्चों के लिए विद्यालय स्तर पर लगाए जा रहे सत्र स्थलों पर निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं - - टीकाकरण कक्ष में एक समय में केवल एक ही बच्चा का प्रवेश कराया जाय। - प्रतीक्षा, टीकाकरण एवं 30 मिनट के अवलोकन के लिए अलग-अलग कमरे का प्रबंध किया जाय। - टीकाकरण की प्रतीक्षा करने वाले बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करायी जाय तथा वहां लंबी लाइन नहीं लगाई जाय। - टीकाकरण के लिए बच्चों को खाली पेट नहीं रखा जाय। - टीकाकरण की प्रक्रिया से बच्चों का ध्यान नहीं हटाने के लिए अवलोकन कक्ष में खेल, मनोरंजन आदि का व्यवस्था की जाय। उन्होंने बताया कि विद्यालय स्तर पर 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण स्थानीय स्तर पर कार्यरत शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कराए जाएंगे।

22 अप्रैल को जिलाभर में मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस - सरकारी और निजी विद्यालयों सहित आंगनबाड़ी केंद्रों पर 26 अप्रैल को आयोजित होगा मॉप अप दिवस - 1 से 19 वर्ष तक सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल की कृमि नाशक दवा मुंगेर, 1 अप्रैल। आगामी 22 अप्रैल को मुंगेर सहित राज्य के 31 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस और 26 अप्रैल को मॉप अप दिवस मनाया जाएगा। भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार 1 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को कृमि से बचाने के लिए आगामी 22 अप्रैल को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाना है। इस दौरान जिला के सभी सरकारी और निजी विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय सहित तकनीकी संस्थान, पॉलिटेक्नीक और आईटीआई संस्थान के साथ-साथ आगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 आयु वर्ग के बच्चों और किशोर-किशोरियों को कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल 400 एमजी का सेवन कराया जाएगा। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन किया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार रौशन ने कहा कि बच्चों में कृमि संक्रमण , व्यक्तिगत अस्वच्छता तथा संक्रमित दूषित मिट्टी सम्पर्क से होता है। कृमि के संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर एवम हीमोग्लोबिन स्तर पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। जिससे बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास प्रभावित होता है। उन्होंने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़, आरएमआरआई पटना, एनआईई चेन्नई, सहयोगी संस्था एविडेंस एक्शन एवम राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार बच्चों में कृमि संक्रमण का दर 2011 की तुलना में सन 2019 में 65 प्रतिशत से घटकर 24 प्रतिशत पर आ गया है । उन्होंने बताया कि 1 से 2 वर्ष के बच्चों के अल्बेंडाजोल 400 एमजी टैबलेट का आधा चूरकर पानी के साथ खिलाना है वहीं 2 से 3 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूरकर पानी के साथ खिलाना है। इसके साथ ही 3 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को एक पूरी टैबलेट चबाकर खिलानी है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है। इस अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आशा कार्यकर्त्ता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका, जीविका दीदियों सहित स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी संस्थाएं एवं हितधारी संगठनों से भी अपेक्षित सहयोग लिया जाएगा । इसके साथ ही इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आवश्यक प्रचार- प्रसार भी किया जाएगा। शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित करते हैं कृमि - कृमि संक्रमण के प्रभाव एवं संचरण चक्र पर प्रकाश डालते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. राजेश कुमार रौशन ने बताया कि कृमि ऐसे परजीवी हैं जो मनुष्य के आंत में रहते हैं। आंतों में रहकर ये परजीवी जीवित रहने के लिए मानव शरीर के आवश्यक पोषक तत्वों पर ही निर्भर रहते हैं। जिससे मानव शरीर आवश्यक पोषक तत्वों की कमी का शिकार हो जाता जिससे वे कई अन्य प्रकार की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। खासकर बच्चों और किशोर एवं किशोरियों पर कृमि के कई दुष्प्रभाव पड़ते हैं। जैसे- मानसिक और शारीरिक विकास का बाधित होना, कुपोषण का शिकार होने से शरीर के अंगों का विकास अवरूद्ध होना, खून की कमी होना आदि जो आगे चलकर उनकी उत्पादक क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। कृमि का संचरण चक्र संक्रमित बच्चे के खुले में शौच से आरंभ होता है। खुले में शौच करने से कृमि के अंडे मिट्टी में मिल जाते और विकसित होते हैं। अन्य बच्चे जो नंगे पैर चलते हैं या गंदे हाथों से खाना खाते हैं या बिना ढके हुए भोजन का सेवन करते हैं आदि लार्वा के संपर्क में आकर संक्रमित हो जाते हैं। इसके लक्षणों में दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख का न लगना आदि हैं। संक्रमित बच्चों में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी उनमें उतने ही अधिक लक्षण परिलक्षित होते हैं। हल्के संक्रमण वाले बच्चों व किशोरों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ते हैं।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से अबोध ठाकुर मुंगेर मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा इंटरमीडिएट वार्षिक (सैद्धान्तिक) परीक्षा 2022, 01 फरवरी से 14 फरवरी 2022 तक आयोजित की जायेगी। जिला अन्तर्गत 19 परीक्षा केन्द्र बनाये गये है। दो पाली में परीक्षा आयोजित की जायेगी। प्रथम पाली पूर्वाहन 09ः30 बजे से अपराह्न 12ः45 बजे तक एवं द्वितीय पाली की परीक्षा अपराहन 01ः45 बजे से संध्या 05ः00 बजे तक होगी। परीक्षा के स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त संचालन हेतु समिति द्वारा कई निदेश जारी किये गये है। समुचित रूप से मुख्य द्वार पर फ्रिस्किंग के बाद ही परीक्षार्थी को उनके प्रवेश पत्र के साथ अंदर जाने की अनुमति दी जायेगी। परीक्षा केन्द्र पर मोबाईल फोन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। ब्लूटूथ, पेजर एवं अन्य किसी प्रकार की इलेक्ट्राॅनिक गजट ले जाने की अनुमति नहीं है। कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न कराने के लिए सुपर जोनल एवं जोनल मजिस्ट्रेट, उड़नदस्ता दल, स्टेटिक मजिस्ट्रेट द्वारा लगातार निरीक्षण किया जायेगा।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से बिपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि विश्व एड्स दिवस पर बुधवार को एआरटी सेंटर मुंगेर से एएनएम स्कूल की शिक्षिकाएं , छात्राओं सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने जागरूकता रैली निकाली| जिसे मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र कुमार आलोक, डीपीएम नसीम रजि, सीडीओ डॉ. ध्रुव कुमार सहित कई अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाई। जागरूकता रैली एआरटी सेंटर से निकल कर एक नंबर ट्रैफिक तक गई और पुनः एआरटी सेंटर लौट कर समाप्त हो गई। मालूम हो कि एचआईवी एक गंभीर बीमारी है जिसका वर्तमान में कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इसे आम बोलचाल कि भाषा में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम कहा जाता है। एड्स बीमारी के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ही प्रत्येक साल विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। एड्स पीड़ित मरीजों से हो रहे भेदभाव को दर्शाने के लिए “एंड इनइक्वेलिटी, एंड एड्स” को इस साल के विश्व एड्स दिवस के थीम के रूप में चुना गया है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मुंगेर, 25 नवम्बर। निमोनिया सर्दियों के मौसम में बच्चों के छींकने या खांसने से फ़ैलने वाला संक्रामक बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध के अनुसार निमोनिया से ग्रसित होने का खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा है। दुनिया भर में होने वाली बच्चों की मौतों में 15 प्रतिशत केवल निमोनिया की वजह से होते हैं। यह रोग शिशुओं की मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है। जिसका कारण कुपोषण और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी है। निमोनिया से बच्चों के ग्रसित होने की संभावना सर्दियों के मौसम में अधिक होती है। विगत एक महीने से बच्चों में निमोनिया से संक्रमण के आंकड़ों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर 01 से 07 अक्टूबर तक सदर अस्पताल से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक वृद्धजनों की होगी निःशुल्क स्वास्थ्य जांच - स्वास्थ्य संस्थानों में वृद्ध जनों के निःशुल्क स्वास्थ्य जांच के साथ ही विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए आयोजित होगा जागरूकता शिविर - कार्यक्रम के सफल संचालन को ले राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को जारी की चिट्ठी मुंगेर, 29 सितंबर। अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर 01 से 07 अक्टूबर तक सदर अस्पताल से लेकर जिला के सभी अनुमंडल / रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक- प्राथमिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक वृद्ध जनों एवं वरिष्ठ नागरिकों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच के साथ- साथ आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इस कार्यक्रम के सफल संचालन को ले राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को चिट्ठी जारी की है। 1 अक्टूबर को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस- मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 01 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाता है। वृद्धावस्था में शरीर के कमजोर होने के साथ ही कई प्रकार की बीमारियां जैसे मधुमेह, उच्य रक्तचाप, गठिया, पार्किंसन्स, मनोभ्रंश, अल्जाइमर, हृदय रोग, आंख- कान- नाक एवं गला के रोगों से ग्रसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर 01 से 07 अक्टूबर तक सदर अस्पताल से लेकर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक वृद्धजनों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किया जाएगा। 1से 7 अक्टूबर तक वृद्धजनों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर- जिला के गैर संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. के. रंजन बताया कि सदर अस्पताल मुंगेर सहित तारापुर अनुमंडल अस्पताल के साथ - साथ जिला के सभी रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 01 से 07 अक्टूबर के दौरान सभी वृद्ध एवम वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जांच सह जागरूकता शिविर का आयोजन एवं दवाओं का वितरण किया जाएगा। इसके लिए पत्र के माध्यम से अनुमंडल अस्पताल तारापुर और जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को उक्त कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को ले आवश्यक निर्देश दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार से प्राप्त निर्देश के अनुसार "अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस" के अवसर पर 01 से 07 अक्टूबर तक वृद्धजनों के लिए आयोजित होने वाले निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं जागरूकता शिविर में उपचारित होने वाले वृद्ध मरीजों की जांच एवं वितरित होने वाली दवाओं से संबंधित आंकड़ों को शिविर आयोजन संबंधित फोटोग्राफ के साथ 10 अक्टूबर तक गैर संचारी प्रकोष्ठ, राज्य स्वास्थ्य समिति के ई.मेल nphcbihar@gmail.com पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से बिपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि 22 सितंबर से राष्ट्रीय पोषण अभियान के पोषण एवं वानिकी कार्यक्रम के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इटहरी नौवागढ़ी मुंगेर में सीएचओ अर्चना कुमारी के नेतृत्व में पोषण वाटिका निर्माण के लिए फल, सब्जी और औषधीय पौधों का पौधारोपण किया गया।इस अवसर पर सीएचओ अर्चना कुमारी ने बताया कि "कुपोषण छोड़ पोषण कि ओर, थामें भोजन की डोर" थीम के तहत 01 से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इस दौरान पोषण एवं वानिकी कार्यक्रम के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पोषण वाटिका का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए फल, सब्जी के साथ कुछ औषधीय पौधों को लगाया गया है। इसके साथ ही यहां गर्भवती और धातृ महिलाओं को पोषण युक्त आहार लेने के लिए प्रेरित करने के लिए पोषण परामर्श केंद्र का संचालन किया जा रहा है। जिसमें इन सभी महिलाओं को अपने -अपने घरों में पोषण वाटिका का निर्माण करने के साथ- साथ उसके उत्पाद का अधिक से अधिक खुद के साथ अपने परिवार के सही पोषण के लिए इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि उनके परिवार में कुपोषण की समस्या समाप्त हो सके।

प्रजनन स्वास्थ्य एवं सुरक्षित गर्भसमापन विषय पर जिलास्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन - परिवार नियोजन एवं सुरक्षित गर्भपात के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बिहार और उत्तर प्रदेश के 10 -10 संस्थाओं का बनाया गया है " साझा प्रयास " नेटवर्क - आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सौजन्य से मुंगेर की सेवायतन संस्था के द्वारा किया गया कार्यशाला का आयोजन मुंगेर, 15 सितंबर| महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एवं अधिकार (एसआरएचआर), परिवार नियोजन एवं सुरक्षित गर्भपात के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बिहार और उत्तर प्रदेश की 10 -10 संस्थाओं का बनाया गया है " साझा प्रयास " नेटवर्क । उक्त बातें बुधवार को साझा प्रयास " नेटवर्क के तहत मुंगेर स्थित चांद महल के सभागार में आयोजित प्रजनन स्वास्थ्य एवं सुरक्षित गर्भसमापन विषय पर जिलास्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए बिहार वॉलेंटरी हेल्थ एसोसिएशन पटना के सीनियर प्रोग्राम अधिकारी खुर्शीद अकरम अंसारी ने कही। उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक गर्भसमापन कराना वैध है। बावजूद इसके गर्भसमापन के लिए भी स्थितियां तय की गई हैं । जैसे गर्भवती महिला को जान का खतरा हो, गर्भवती महिला या गर्भस्थ शिशु में गंभीर शारीरिक एवं मानसिक क्षति की संभावना हो, दुष्कर्म की शिकार महिला के गर्भधारण करने की स्थिति में एवं विवाहित जोड़ों में गर्भनिरोध की विफलता की स्थिति में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 के अनुसार 20 सप्ताह तक गर्भसमापन की अनुमति दी जाती है जो वैध है। इसके विपरीत लिंग जांच के आधार पर यदि गर्भ समापन कराया जाता है तो वो अवैध होने के साथ-साथ दंडनीय अपराध भी है। गर्भसमापन सरकारी अस्पताल या डीएलसी कमिटी द्वारा मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पताल में ही कराया जा सकता- कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सीनियर कॉर्डिनेटर प्रोग्राम एंड ट्रेनिंग राजीव कुमार गुप्ता ने गर्भसमापन की विभिन्न तकनीकी पहलुओं और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रत्येक वर्ष 12.5 लाख गर्भपात के केस सामने आते हैं और इनमें मात्र 8 प्रतिशत ही सरकारी संस्थाओं में कराए जाते हैं। देश में मातृ मृत्यु दर का 8 प्रतिशत आंकड़ा असुरक्षित गर्भपात के कारण दर्ज किया जाता है। उन्होंने बताया कि 12 सप्ताह तक का गर्भसमापन की सलाह पीएचसी और सीएचसी लेवल पर एमडीटी एक्ट के बारे में 12 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर खासकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ही दे सकती है। किसी भी गर्भवती महिला का गर्भसमापन सरकारी अस्पताल या डीएलसी कमिटी द्वारा मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पताल में ही कराया जा सकता है। इसके अलावा 13 से 20 सप्ताह का गर्भसमापन रेफ़रल अस्पताल या मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही कराया जा सकता है। इस अवसर पर बिहार वॉलेंटरी हेल्थ एसोसिएशन पटना के सीनियर प्रोग्राम अधिकारी खुर्शीद अकरम अंसारी ने साझा प्रयास के द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर सेवायतन संस्था के मनिंदर कुमार सिंह, पनाह आश्रम से मिस नाज़, दिशा बिहार से अभय कुमार अकेला सहित कई संस्था के प्रतिनिधि के अलावा डेवलपमेंट पार्टनर के तौर पर केयर इंडिया के तबरेज आलम भी उपस्थित थे।

बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2021 के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 15 सितंबर तक बढ़ा दी है ।पहले यह तिथि 10 सितंबर तक ही थी।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।