मुंगेर, 30 जून। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम 2025 के तहत अब मिस्ड कॉल पर टीबी मरीजों को पूरी जानकारी मिलेगी । इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने 1800 - 116666 टॉल फ्री नंबर जारी किया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करते ही टीबी मरीजों को पूरी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस साथ ही इस टॉल फ्री नंबर पर कॉल करके टीबी के मरीज अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि सन 2025 तक देश को टीबी के संक्रमण से मुक्त कर दिया जाए। लेकिन यह तभी संभव है जब सभी लोग मिलजुल कर टीबी को जड़ से खत्म करने में अपना सहयोग दें। भारत सरकार के द्वारा टीबी की अधिक से अधिक जानकारी लोगों को उपलब्ध कराने के लिए एक टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है जिस पर कॉल न करके सिर्फ मिस्ड कॉल पर ही टीबी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देश की सबसे गंभीर बीमारी समझी जाने वाली टीबी के उन्मूलन के लिए अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए टॉल फ्री नंबर जारी किया है।

जिला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि मंकी पॉक्स वायरस जानवरों से फैलने वाली एक बीमारी है । मूल रूप से इसके वायरस जानवरोें में ही होते है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक मंकी पॉक्स कई तरह के बंदरों व अन्य जानवरों में पाया जाता है।

मुंगेर,स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ज्यादा से ज्यादा योग्य लाभार्थियों को कोरोना टीकाकरण से आच्छादित करने की मुहिम लगातार जारी है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद अब योग्य लाभार्थियों एवं फ्रंटलाइन तथा हेल्थ वर्कर को विगत 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज़ लगायी जा रही है। मुंगेर में सभी योग्य लाभार्थियों को जल्द से जल्द टीकाकृत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सिरिंजों के उपयोग एवं स्टॉक के अनुसरण के लिए अपर निदेशक, प्रतिरक्षण सह राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा के द्वारा नया दिशा-निर्देश जारी किया गया है। कोविड टीकाकरण हेतु उच्च डिनोमिनेशन वाली सिरिंजों का होगा प्राथमिकता के आधार पर उपयोग :

आज दिनांक 24 /1 /2022 को एसपीडब्ल्यू इंडिया प्रोजेक्ट ट्रस्ट के तहत नेशनल गर्ल चाइल्ड डे का कार्यक्रम मुंगेर जिले के तीन प्रखंड में किया गया, जिसमें माधोपुर,हसनपुर,पुरानीगंज, रामदीरी और चंद्रपुरा के मिल्की चक में लड़कियों के साथ यह कार्यक्रम किया गया जिसमें राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर समुदाय के लड़कियों ने श्री माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लेखन के तहत शिक्षा में तकनीकी चीजों में बदलाव लाने और बाल विवाह, कोविड-19 के कारण शिक्षा पर जो प्रभाव पड़ा है उसके निदान के लिए बालिकाओं ने अपना सुझाव दिया है जिससे कि उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए बालिकाओं ने अपना सुझाव दिया है जिससे कि उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए शिक्षा में बदलाव की आवश्यकता है। इसके अलावा बच्चों ने हस्ताक्षर के माध्यम से शपथ ग्रहण किया कि शिक्षा के बदलाव में उनकी भागीदारी अत्यंत ही जरूरी है जिससे कि छात्र और छात्राओं का भविष्य उज्जवल हो सके और देश निर्माण में सहायक बने, इस कार्यक्रम के तहत एसपीडब्लयू इंडिया प्रोजेक्ट ट्रस्ट की ओर से टीम में अमित कुमार, कौशल कुमार मिश्रा, सुमित कुमार सिंह, अंकिता कुमारी, सुमित कुमार, राजनंदिनी कुमारी, निकीता कुमारी,निभा कुमारी, और आयुषी कुमारी मौजूद थे।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि जिला में कोविड के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को हर हाल में रोकने के लिए जिलाभर में सोमवार से हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए प्रीकॉशन बूस्टर डोज़ देने की शुरुआत हुई। इससे पूर्व 3 जनवरी से 15 से 18 आयुवर्ग के किशोरों के टीकाकरण का महाअभियान भी शुरू हो चुका है। जिला में जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मी तमाम तरह की चुनौतियों के बीच अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर हैं। ताकि एक भी व्यक्ति वैक्सीन से वंचित नहीं रहे। जिससे इस महामारी को जड़ से मिटाया जा सके। ऐसे ही कर्मियों में से एक हैं सदर अस्पताल में वैक्सीनेटर के रूप में कार्यरत एएनएम मधु कुमारी। वो विगत 16 जनवरी 2021 से जिला में वैक्सीनेशन महाभियान के शुभारंभ से वैक्सीनेशन कार्य में जुटी हुई हैं। वह अपने कर्तव्य पथ पर खुद संक्रमित होने की आशंकाओं के बीच कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए लोगों को लगातार बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे रही हैं।

मुंगेर के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार रौशन ने बताया कि मधु कुमारी सदर अस्पताल मुंगेर स्थित वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीनेटर के रूप में काम कर रही हैं। वो हमेशा अपने कार्य के प्रति मुस्तैद और सजग रहती हैं। वह तमाम चुनौतियों के बावजूद कभी अपने कर्तव्य पथ पर नहीं थकी और पूरी मुस्तैदी के साथ डटी रहीं। जिसका सकारात्मक परिणाम यह रहा कि मधु कुमारी की इस पहल का लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और अफवाहों को मात मिली। वो अब तक 10 हजार से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन कर चुकी हैं। एक भी लोग वैक्सीन लेने से वंचित नहीं रहें इसके लिए वो हमेशा तत्पर रहती हैं ।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि एनीमिया यानी खून की कमी एक ऐसी स्थिति है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या उनमें हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम जाती है । ऑक्सीजन ले जाने के लिए हीमोग्लोबिन की आवश्यकता होती है। यदि शरीर में बहुत कम या असामान्य लाल रक्त कोशिकाएं हैं, या पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं है, तो शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए रक्त की क्षमता कम हो जाती है। इसके परिणाम स्वरूप थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। एनीमिया के कारण बच्चों में उम्र के मुतबिक वजन एवं लंबाई भी कम जाती है एवं वे एवं दुबलापन एवं नाटापन के शिकार हो जाते हैं। जिससे बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाती है।

पोषक तत्वों की कमी के साथ संक्रामक रोग ज़िम्मेदार: एनीमिया के सबसे आम कारणों में पोषक तत्वों की कमी, विशेष रूप से आयरन की कमी शामिल होती है। इसके साथ ही विटामिन की कमी भी एनीमिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। शरीर में विटामिन सी, ए, डी, बी12 एवं ई की भूमिका अधिक होती है। विटामिन सी शरीर में आयरन के चयापचय को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। विशेष रूप से यह आयरन के अवशोषण एवं इसकी गतिशीलता को भी बढ़ाता है. इसलिए विटामिन सी युक्त आहार जैसे आँवला, नीबूं एवं अमरुद जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन जरुर करना चाहिए । ये खाद्य पदार्थ आसानी से घरों में उपलब्ध हो जाते हैं। एनीमिया के प्रमुख कारणों में पोषक तत्वों की कमी के साथ कई संक्रामक रोग भी शामिल होते हैं । जिसमें मलेरिया, टीबी, एचआईवी और अन्य परजीवी संक्रमण शामिल हैं. इन रोगों से ग्रसित होने के बाद अमूमन शरीर में खून की कमी हो जाती है ।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से बिपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि क्लाइमेट फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन, सेव एनर्जी, सोलर एनर्जी, हारवेस्ट रेन वाटर और वेस्ट मैनेजमेंट कर क्लीमेंट चेंज के खतरे से रह सकते हैं सुरक्षित । उक्त बातें क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) सभागार मुंगेर में आयोजित नेशनल प्रोग्राम फ़ॉर कलाईमेंट चेंज एंड ह्यूमन हेल्थ विषय पर उन्मुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने कही। उन्होंने बताया कि क्लाइमेट चेंज को ले भारत सरकार रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोमोशन में काफी प्रतिबद्धता के साथ जुटी है। हमलोग भी अपने नियमित जीवन में कलाईमेंट फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन जिसमें कम से कम कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होने के साथ ही कम से कम वायू प्रदूषण हो का इस्तेमाल कर हम बहुत सारी बीमारी जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी बीमारियों को भी मात दे सकते हैं इसके लिए आवश्यक है कि पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दें ताकि कम से कम वायू प्रदूषण हो।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से बिपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि क्लाइमेट फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन, सेव एनर्जी, सोलर एनर्जी, हारवेस्ट रेन वाटर और वेस्ट मैनेजमेंट कर क्लीमेंट चेंज के खतरे से रह सकते हैं सुरक्षित । उक्त बातें क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) सभागार मुंगेर में आयोजित नेशनल प्रोग्राम फ़ॉर कलाईमेंट चेंज एंड ह्यूमन हेल्थ विषय पर उन्मुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने कही। उन्होंने बताया कि क्लाइमेट चेंज को ले भारत सरकार रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोमोशन में काफी प्रतिबद्धता के साथ जुटी है। हमलोग भी अपने नियमित जीवन में कलाईमेंट फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन जिसमें कम से कम कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होने के साथ ही कम से कम वायू प्रदूषण हो का इस्तेमाल कर हम बहुत सारी बीमारी जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी बीमारियों को भी मात दे सकते हैं इसके लिए आवश्यक है कि पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दें ताकि कम से कम वायू प्रदूषण हो।