बिहार राज्य के जिला मुंगेर से बिपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि क्लाइमेट फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन, सेव एनर्जी, सोलर एनर्जी, हारवेस्ट रेन वाटर और वेस्ट मैनेजमेंट कर क्लीमेंट चेंज के खतरे से रह सकते हैं सुरक्षित । उक्त बातें क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) सभागार मुंगेर में आयोजित नेशनल प्रोग्राम फ़ॉर कलाईमेंट चेंज एंड ह्यूमन हेल्थ विषय पर उन्मुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने कही। उन्होंने बताया कि क्लाइमेट चेंज को ले भारत सरकार रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोमोशन में काफी प्रतिबद्धता के साथ जुटी है। हमलोग भी अपने नियमित जीवन में कलाईमेंट फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन जिसमें कम से कम कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होने के साथ ही कम से कम वायू प्रदूषण हो का इस्तेमाल कर हम बहुत सारी बीमारी जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी बीमारियों को भी मात दे सकते हैं इसके लिए आवश्यक है कि पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दें ताकि कम से कम वायू प्रदूषण हो।