चकाई गांव में 11 kv तार के चपेट में आने से एक बिजली मिस्त्री की हुई मौत

चकिया थाने के बांसघाट स्थित मनसानाथ टोले के वार्ड सात में सोमवार रात खेत में सो रहे किसान ललन सिंह(75) की अज्ञात हमलावर ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। ललन वार्ड सात के ही थे। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शरत आरएस ने मौके पर पहुंच कर घटना का जायजा लिया । ललन झाड़फूंक का काम भी करते थे। पुलिस को घटनास्थल से ताबीज आदि मिले हैं। लोगों ने बताया कि ललन करीब 35 साल से अपने खेत पर बने मचान पर ही रात में सोते थे। खेत से ललन के घर की दूरी करीब पांच सौ मीटर है। ललन के पुत्र मदन ने बताया कि रात को खाना खाकर पिता खेत पर सोने चले गए। रात करीब 11 बजे पिता ने मोबाइल पर उन पर हुए हमले की सूचना दी। एक हमलावर के होने की बात कही थी। मदन के अनुसार, सूचना मिलते ही ा पिता को घर लाकर स्थानीय चिकित्सक से प्राथमिक इलाज कराया। सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए दूसरी जगह ले जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई। चकिया इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष धनंजय कुमार ने बताया कि लाठी से वार किया गया। घटनास्थल पर खून के निशान मिले हैं। मामले की जांच की जा रही है।

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बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई प्रखंड से रमेश कुमार रॉय ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि चकाई प्रखंड के संत जोसेफ स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। वहाँ पर लगभग अच्छी सेवाएं दी जा रही हैं लेकिन कुछ सुविधाएँ जैसे कि मछरदानी कुछ लोगों को नहीं मिला था। जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस खबर को मोबाईल वाणी पर 8/05/2020 को प्रसारित किया गया था साथ ही सम्बंधित पदाधिकारी को भी सूचित किया गया। जिसके बाद वहाँ पर लोगों को मच्छरदानी उपलब्ध कराया गया। रमेश कुमार कुमार का कहना है कि मोबाईल वाणी पर ना सिर्फ खबर सुनाई जाती है बल्कि समस्याओं को हल करने का भी प्रयास किया जाता है।

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जिला जमुई से मोबाइल वाणी रिपोर्टर रजनी कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जिला परिवहन पदाधिकारी दीपक अग्रवाल जी से महिला हिंसा पर साक्षात्कार लिया।इस साक्षात्कार में जिला परिवहन पदाधिकारी दीपक अग्रवाल जी का कहना है कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के कई कारण है,जिसमे प्रमुख है अशिक्षा।वहीं दूसरा कारण असमानता है,क्योंकि कहीं-कहीं महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार नहीं होता है,और यही वजह है कि महिलाओ के साथ भेद-भाव किया जाता है।इस हिंसा का तीसरा कारण है समायोजक की कमी।हमें अपने परिवार में समायोजक को बढ़ावा देना चाहिए।क्योंकि जब तक ऐसे विचारो पर बढ़ावा नहीं दिया जायेगा,तब तक परिवार को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।जब परिवार आगे बढ़ेगा तभी देश,राष्ट्र और समाज में जगह बन पाएंगा साथ ही मानसिक और शारीरिक हिंसा में कमी आएगी।इस हिंसा को रोकने के लिए समाज में जागरूकता को बढ़ावा देना होगा तथा समाज की मानसिकता में बदलाव लाने की जरुरत होगी।वहीं इस सन्दर्भ में स्थानीय प्रसाशन की भूमिका कुछ वर्षो से महत्वपूर्ण हो गई है,क्योंकि देखा जाये तो सरकार के द्वारा महिलाओ के लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक बहुत सारी योजनाएं बनायीं गई है और जिससे लोगो में जागरूकता भी आई है।सरकार इसको लेकर पूरी तरह से सचेत भी है कि वह महिलाओं के सुरक्षा के लिए उत्तरदायी हो और उनकी मदद करे।वहीं पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का जनसँख्या अनुपात काफी नीचे गिरने के कारण सरकार को इस ओर ध्यान आकृस्ट करना पड़ा।और आज विभिन्न योजनाओं,जिला प्रसाशन और पुलिस प्रसाशन के माध्यम से ऐसी प्रवृतियों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार के इस प्रयास में प्रसाशन और स्थानीय प्रसाशन भी काफी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है।

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