विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा चलाये जा रहे चावल की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से डॉ. राधाकृष्णन भवन सभागार में जिले के पंजीकृत राइस मिलरों को प्रशिक्षण दिया गया। अध्यक्षता डीडीसी समीर सौरभ ने की। विश्व खाद्य कार्यक्रम के सीनियर प्रोग्राम एसोसिएट वृन्दा किराड़ू द्वारा राइस मिलर्स को फोर्टीफाइड चावल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि सामान्य चावल में ही फोलिक एसिड,आयरन,विटामिन बी 12,मिलाकर चावल की गुणवत्ता में वृद्धि की जाती है। इस गुणवत्तापुर्ण चावल से हम एनीमिया बीमारी को दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के लगभग 63 प्रतिशत महिलायें व बच्चे एनीमिया बीमारी से ग्रसित हैं। कहा कि राइस फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम का उद्देश्य एनीमिया को पूरी तरह से दूर भगाने का है। उन्होेंने फोर्टिफाइड चावल की गुणवत्ता को नियंत्रण करने ,पैकेजिंग व फोर्टीफिकेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मौके पर राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक जितेंद्र श्रीवास्तव आदि थे।
मनरेगा को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम सौ दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। परंतु पण्डितपुर पंचायत जनता के उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहा। यहां वित्तीय वर्ष 22-23 में मात्र 17.66 लाख का काम हुआ। जिससे महात्मा गांधी के नाम का यह योजना पंचायत का विकास तो दूर गरीबों को सामान्य रोजगार मुहैया कराने में भी विफल रहा। पीओ प्रकाश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रखण्ड में वित्तीय वर्ष 22-33 में मनरेगा योजना के तहत कुल 380.85 लाख का काम हुआ। जिसमें वीरछपरा में 63.46, दक्षिणी देकहा में 76.15, पण्डितपुर में 17.66, सलेमपुर में 34.12, सूर्यपुर में 142.36 व टिकैता गोबिंदापुर 23.08 लाख जनहित का कार्य किया गया। जिसमें पंचायत समिति द्वारा 21.33 लाख का काम हुआ। जिसमें सूर्यपुर पंचायत 142.36 लाख के कार्य का क्रियान्वयन कर सबसे आगे है। वहीं पण्डितपुर पंचायत में इस महत्वाकांक्षी योजना विफल रहा। बताया कि प्रखण्ड के 575 लाभार्थियों को आवास योजना में मनरेगा से लाभान्वित किया गया है। मनरेगा से पंचायतों की सड़कों, नहरों, तालाबों, कुओं का निर्माण कर पंचायत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। निवास के 5 किमी के भीतर रोजगार उपलब्ध कर न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है। जिससे मजदूरों का पलायन रुक सके। परंतु चुने हुए प्रतिनिधि द्वारा इस दायित्व का निर्वहन नहीं करने से महात्मा गांधी का सपना साकार होते नही दिख रहा।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल के दोनवर्ती गांवों समेत थारू आदिवासियों को अब खाट व बैलगाड़ी एंबुलेंस से मुक्ति मिलेगी। गंभीर रूप से बीमारों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाएगा। इससे उनकी जान बचेगी। इसके लिए वीटीआर प्रशासन विशेष रूप से तैयार दो हाईटेक एंबुलेंस खरीद रहा है। यह एंबुलेंस पथरीले व कच्चे रास्ते पर भी आसानी से चलकर मरीजों को अस्पताल पहुंचाएगी। फरवरी में दोनों एंबुलेंस आदिवासियों के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। ऐसा होने पर पहली बार दोनवर्ती क्षेत्र में एंबुलेंस सेवा आदिवासियों को मिलने लगेगी। वन प्रमंडल-1 व दो के दोनवर्ती गांवों से सटे वनक्षेत्रों में यह एंबुलेंस सेवा देगी। वन प्रमंडल-1 व दो के नौरंगिया दोन, गर्दी दोन, बनकटवा दोन, गोबरहिया दोन, पिपरा दोन आदि गांवों के लोगों में इससे खुशी की लहर है। वन प्रमंडल-1 के डीएफओ प्रदुम्न गौरव ने बताया कि विशेष रूप से तैयार दो हाईटेक एंबुलेंस का ऑर्डर दिया जा चुका है। फरवरी में दोनों एंबुलेंस दोन क्षेत्र के लोगों को सौंप दी जाएगी। फिलहाल इस पर शुल्क लगेगा या नहीं यह तय नहीं हुआ है। यदि शुल्क लगाया भी जाएगा तो वह सबके पहुंच में होगा।
वाहनों के परमिट की वैधता समाप्त होने के 180 दिनों के अंदर उसका नवीकरण कराना अनिवार्य होगा। अगर, कोई वाहन मालिक छह माह बाद नवीकरण के लिए आवेदन करते हैं तो उसपर विचार नहीं किया जाएगा। वैधता समाप्ति के 180 दिनों के बाद परमिट स्वत रद्द माना जाएगा। राज्य परिवहन प्राधिकार ने यह निर्णय लिया है, जिसको लेकर सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि रद्द परमिटों के परमिटधारी द्वारा परमिट जारी करने वाले प्राधिकार के समक्ष मूल परमिट को अनिवार्य रूप से समर्पित किया जाएगा। यदि परमिटधारी द्वारा ऐसे परमिट का समर्पण नहीं किया जाता है तो उनके नाम से निबंधित सभी वाहनों को अंतरराज्जीय/अंतरक्षेत्रीय मार्गों पर परमिट की स्वीकृति के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा, ताकि ऐसे परमिटधारियों के पक्ष में भविष्य में किसी भी प्राधिकार से परमिट जारी नहीं हो सके। परमिट नवीकरण कराये बिना बसों के परिचालन की मिल रही थी शिकायत, जिससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा था। इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि प्राधिकारी से अंतरराज्जीय/अंतरक्षेत्रीय मार्गों पर निर्गत परमिट की वैधता समाप्त होने की तिथि से 180 दिनों तक बिहार मोटरगाड़ी नियमावली 1992 के नियम 82 में तय प्रावधान के तहत विलंब शुल्क के साथ नवीकरण के लिए आवेदन मान्य होंगे। राज्य परिवहन प्राधिकार के द्वारा अंतरराज्जीय/अंतरक्षेत्रीय मार्गों पर पांच वर्षों के लिए परमिट जारी किया जाता है। परमिट की अवधि समाप्त होने के बाद आवेदनों पर विचार करते हुए प्राधिकार के द्वारा पांच वर्षों के लिए परमिट का नवीकरण किया जाता है।
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फेनहारा प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अनारा में मंगलवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर नवीन कुमार ने स्वास्थ्य कर्मी और प्रखंड के एएनएम के साथ बैठक किया बैठक में प्रखंड में चल रहे कोई ने टीकाकरण पल्स पोलियो फाइलेरिया नियमित टीकाकरण सहित अन्य कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी लिया साथ ही मौजूद सभी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए वहीं मौके पर नवल किशोर प्रसाद डॉक्टर पांडे सुशांत बीएचएम मोहम्मद इफ्तेखार मोहम्मद फारुख अशरफ सहित अन्य मौजूद
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शराब पीकर हंगामा कर रहे पति को पत्नी ने जेल भिजवा दिया आपको बता दें कि कोटवा थाना क्षेत्र के मच्छरगवा पंचायत के फतुवा टोला के योगेंद्र महतो ने शराब पीकर हंगामा कर रहे थे तथा बच्चे को पीट रहे थे, इसको लेकर उसकी पत्नी कौशल्या देवी ने सूचना देकर थाना को बुला जेल भिजवा दिया , थानाध्यक्ष ने बताया कि पत्नी की सूचना पर पति योगिंदर महतो को जेल भेज दिया गया ।
इंटर परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गया। परीक्षा के समापन के साथ ही ज्यादातर अभ्यर्थी अपने घरों की ओर लौट गए। सासाराम में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर ज्यादातर परीक्षार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से ही आए थे। परीक्षा के अंतिम दिन प्रथम पाली में भाषा विषय एवं द्वितीय पाली में दर्शनशास्त्र विषय के परीक्षा का आयोजन किया गया। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी परीक्षा केंद्रों पर अंतिम दिन भी शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न हुआ।2023 में भी बीच सासाराम में बसों के छतों पर जान जोखिम में डाल कर यात्रा कर रहे हैं बच्चे ।
