बिहार राज्य के मधुबनी जिला के खुटौना प्रखंड से श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि, सहायता राशि का पैसे इनके पास अभी तक नहीं आया है। जिससे लोगो को बहुत परेशानी हो रही है

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संतोष कुमार मंडल:- मैं बड़ी सफलता की चावी मिली डॉ स्नेहा की धारावाहिक 55 वी कड़ी से हमलोग हमेशा दोसी लड़की को मानते थे। मेरे आँख की पट्टी खुली। इस धारावाहिक से पता चला कि लड़की के साथ हिंसा में सिर्फ लडक़ी महिला ही नही जिमेदार होते है। उस वक्त परिवार की सहयोग होनी चाहिए।

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बिहार राज्य के मधुबनी जिले खुटौना प्रखंड से संतोष कुमार मंडल मोबाइल वाणी के द्वारा कहते है कि 2008 में मुम्बई में इसी बात को लेकर दंगा हुआ था की बिहारी के आने से रोजगार में कमी आती है। मराठी ने इसी मुद्दे से शुरू किया था दंगा। कानून कहती है कि भारत के किसी भी कोना में नौकरी तलाश करनी की स्वन्त्रता है।सरकार बिहार में कालकरखाना की स्थापना करे जिससे बिहारी को काम मिले । हर शहर वासी को काम मिलेगा तो कोई दिक्कत नहीं होगी। जहाँ तक शिक्षा व्यवस्था की बात है इसे सुदृढ़ करना चाहिए। कालकरखाना की स्थापना से पलायन रोक जा सकता है।

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बिहार राज्य के मधुबनी ज़िला के खुटौना प्रखंड से चंदु जी मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि डीज़ल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से आम जनता परेशान हो गई हैं।प्रतिदिन कीमतें में बढ़ोतरी होने से लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा हैं।सरकार राहत की आश्वासन तो देती हैं परन्तु बढ़ रही क़ीमत पर लग़ाम नहीं लगा पा रही हैं।बढ़ती कीमतों का असर देश की महँगाई पर पड़ रहा हैं लेकिन सरकार पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों को देश की महँगाई से नहीं जोड़ रही।60प्रतिशत लोग ग़रीबी में जी रहे हैं। कुछ लोगों के अनुसार पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों का असर आम लोगों पे नहीं पड़ रहा हैं परन्तु पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों का सीधा असर आम लोगों और किसानों पर पढ़ता हैं। इसलिए सरकार को बढ़ रही पेट्रोलियम की क़ीमत पर नियंत्रण करने का प्रयास करनी चाहिए।

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बिहार राज्य के मधुबनी जिले के खुटौना प्रखंड से संतोष कुमार मंडल जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके पिताजी पढ़े लिखे किसान है। 1 बीघा खेती होने से साल में 14000 इनकम होती है। एक दिन नाराज हो कर दिल्ली शहर की ओर पलायन किया । दिल्ली जाने के बाद पता चला कि दिल्ली शहर क्या है ? घुटन जिंदगी जी कर 4 माह बाद फिर आपने गांव आया । नया खेती की जानकारी से मनरेगा से अमरूद का 200 पौधा लिया। जिसमे प्रपत्र जमा किये । 10 कठा खेत मे लगाया। 1 चापानल मिला पतबन्ध के लिए। पिताजी की साथी ने kvk में मधुमक्खी पालन का ट्रेनिंग लिया और यहीं पर इनके पिताजी ने भी ट्रेनिंग लिया। पैसे के अभाव में 3 डब्बा ही मधुमक्खी ले पाए और अमरूद के बागान में लगाया। पिताजी कहते है कि इस खेती से 30 से 40 हजार की इनकम सालाना है।अगर किसी किसान भाई के पास ज्यादा जमीन है तो इ मछ्ली पालन करे। इससे इंवेसमेन्ट तो होगा ही साथ ही मोटि कमाई भी होगी।इसलिए इनका कहना है कि सभी किसान भाइयों को नए तरीके की खेती को अपनाना होगा।