गिद्धौर प्रखंड के मौरा गांव में इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों के द्वारा नदी से गड्ढा खोदकर पानी ले जाने का मोबाइल वाणी ने खबर प्रमुखता से चलाया था, जिसका असर शनिवार को देखा गया ,जहां जिलाधिकारी राकेश कुमार अपने अधिकारियों के साथ उक्त गांव पहुंचकर जल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों की बात सुनी विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

गिद्धौर प्रखंड में पारा बढ़ने से लोगों को गर्मी सता रही है वहीं इलाके के कई जगहों में जल संकट गहराने लगा है। विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के पांडेयदीघा से करण ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि उनके यहाँ नल जल की सुविधा नहीं है

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज ने बताया की गिधौर बाजार के कुमार सुरेंद्र सिंह स्टेडियम के जलमीनार ख़राब होने से पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है , जिससे आम लोग परेशान हैं । रमजान के त्योहार और होली के त्योहार के दौरान यहां पानी की आपूर्ति पिछले दो दिनों से बाधित है ।

जल ही जीवन है। यह पंक्तियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। आज के समय में जब दुनिया शुद्ध जल की कमी से जूझ रही है, यह पंक्तियाँ और सार्थक हो जाती हैं। भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण को समर्पित है।इस विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी को रोके और जल को प्रदूषित होने से बचाये। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

राज्य बिहार जिला गिद्धौर गाँव के लोग पीने के पानी की समस्या को लेकर गाँव बाराह भोरातार , वार्ड नं । गिधौर प्रखंड की रतनपुर पंचायत , वार्ड की दर्जनों महिलाओं और पुरुषों ने विभाग और स्थानीय लोगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । जानकारी के अनुसार , हाल ही में कुछ दिन पहले सुबह के मुखिया नितीश कुमार ने सात सूत्री योजना पर विशेष जोर दिया ताकि गांव के हर इलाके को नल जल योजना का लाभ मिल सके । जहां एक ओर सरकार दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों को सुबह शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा करती है , वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी और कर्मचारी प्रखंड में रतनपुर पंचायत के बैट नंबर बारह के निवासी मुख्यमंत्री नल से पूछताछ करते हैं । पजल योजना के तहत , इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है , जबकि रतनपुर पंचायत के वार्ड संख्या बारह की निवासी राजेश यादव पप्पु यादव बेबी देवी चुनचुन यादव रामचरित यादव ब्रह्मादेवी यादव उमा देवी सुनीता देवी हैं । दर्जनों बार्ड निवासियों ने अपने बर्ध में पीने के पानी की समस्या के बारे में बताया कि पिछले एक महीने में , सीनल जल योजना द्वारा प्रदान किए गए कनेक्शन से पानी की एक भी बूंद नहीं छोड़ी गई है , जिससे हम बर्धमानों के बीच पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है । इस समस्या को हल करने के लिए हम ग्रामीणों ने कई बार दरवाजा प्रखंड के वरिष्ठ अधिकारियों से भी अपील की , लेकिन आज तक इस नल जल योजना से दिए गए पानी की आपूर्ति नहीं हुई , इसलिए हम ग्रामीणों को अपनी पेयजल समस्या को पूरा करने के लिए दूसरी जगहों से पानी लाना पड़ता है ।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

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