आदिवासियों का भगवान बिरसा मुंडा की आज 150 जयंती के मौके पर जमुई जिले में जनजातीय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने जो शौचालय का निर्माण कराया गया है उसमें लगभग शौचालय में भूसा एवं बकरी का बसेरा बन गया है
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प्रखंड कृषि कार्यालय गिद्धौर के प्रांगण में बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा बीजों का वितरण पंचायत बार किया जा रहा है जो किसान अपना रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं उन्हें इस योजना का लाभ मिलना प्रारंभ हो चुका है और जो किसान इस योजना से वंचित रह गए हैं वह अभी भी आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर इसका लाभ उठा सकते हैं
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गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के लगभग कुंए जीर्णोद्धार इंतजार में पड़ा हुआ है अगर इन कुँओं का जीर्णोद्धार कर दिया जाए तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान वापस लौट सकता है क्योंकि कुँआ पेयजल और सिंचाई का उत्तम साधन है
बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर-घर नल जल योजना जब से प्रारंभ हुआ है तब से जल का बर्बादी बढ़ गया है। इसलिए पंचायत सरकार के द्वारा जब तक सोख्ता का निर्माण नहीं कराया जाएगा तब तक जल संरक्षण संभव नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
कड़ी संख्या-18;अपनी जमीन, अपनी आवाज - सुरक्षित भूमि अधिकार: महिला सशक्तिकरण और खाद्य सुरक्षा की कुंजी
बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .
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गिद्धौर: जल संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है। जल संरक्षण को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर तो है लेकिन जमीनी स्तर पर यह उतर नहीं पाई है। सरकार इसके संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली सहित अन्य कई योजनाएं चला रखी है। जबकि प्रत्येक घरों को नल का जल देने के लिए मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना संचालित है। घरों में सही तरीके से पानी मिल रहा है या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं है। नल जल योजना का पानी सड़कों पर बहाया जा रहा है। अनदेखी की वजह से जल की बर्बादी खुलेआम हो रही है। गिद्धौर प्रखंड के अंतर्गत रतनपुर पंचायत की वार्ड संख्या 02 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना पानी की बर्बादी का सबब बना हुआ है। पीएचडी विभाग के द्वारा बिछाई गई नल जल योजना की पाइप जगह-जगह से लीकेज है जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है उक्त वार्ड में करीब 1 साल पहले ही पाइप बिछाया गया था लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने कारण पाइप कई जगह से लीकेज होने लगी है। कई जगह पर नल जल योजना का पाइप टूटा हुआ है जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी सड़के एवं गलियों में बह रहा है जिससे जगह-जगह पर पानी का जल जमाव हो गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं पीएचडी विभाग के लापरवाही कारण यहां पानी की बर्बादी हो रही है जबकि मामूली खर्च में टूटे हुए पाइप की मरमती कराकर प्रतिदिन हजारो लीटर हो रही पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। पाइप लीकेज होने के कारण पानी का प्रेशर भी कम रहता है जिस कारण मोहल्ले में पानी सही से नहीं पहुंचता है। जबकि नियमित पानी भी नहीं आने से लोगों को परेशानी होती है।