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काम के घंटे कम करने के लिए 1 मई 1886 को अमेरिका में मजदूरों का आंदोलन हुआ था। अमेरिका के मजदूर सड़क पर आकर अपने हक़ के लिए आवाज बुलंद करने लगे थे । इस आंदोलन का कारण था - काम के घंटे।

दिल्ली से सुल्तान अहमद मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ भोपाल के तरफ से आयोजित राष्ट्रीय महासंघ का आयोजन दिनांक 3,4,5 फरवरी को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में किसानो के प्रमुख मुद्दे खाद, बिजली, बीज और फसा का उचित दाम की मांग सरकार से की गयी

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हरियाणा सरकार ने 16 सितंबर 2021 को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से मजदूरी वेतन (हरियाणा) नियम, 2021 मसौदा कोड प्रकाशित किया। ये नियम साप्ताहिक अवकाश, अधिकतम काम के घंटे, ओवरटाइम वेतन, यात्रा भत्ता, और अन्य चीजों के साथ न्यूनतम वेतन निर्धारित करते हैं । नियमों में प्रावधान किया गया है कि जहां कर्मचारियों को एक ठेकेदार के माध्यम से काम पर रखा जाता है, वहां वेतन भुगतान की तारीख से पहले, जो व्यक्ति प्रतिष्ठान का मालिक है, वह ठेकेदार को उनके वेतन का भुगतान करेगा। यानी एक प्रकार से इस मसौदे के अनुसार ठेकेदारी प्रथा को कानूनी प्रमाणिकता दिए जाने की वकालत है जो एक बड़ा बदलाव है ,कम्पनियाँ अधिक संख्या में ठेकदारों के जरिये ही श्रमिक से काम कारने के इक्षुक होंगे ऐसा प्रतीत होता है . तो श्रमिक साथियों आप को क्या लगता है की इस मसौदे का आपके जीवन पर कैसा प्रभाव परेगा , वेतन में कटौती, न्यूनतम वेतम , काम की पहचान के लिए वेतन स्लिप क्या प्रभावी तरीके से सरकार की निगरानी में होता है , इसका लाभ पहले आप उठा पा रहे थे , सरकारी नियमों का उलंघन होने पर आपने कार्य अस्थल पर क्या पाया , क्या सरकारी अधिकारी श्रमिकों की मदद के लिए आगे आगे आते हैं या फिर वो नियोक्ता ही मदद करते हैं, आने वाले दिनों में इस मजदूरी की कमी को कैसे दूर किया जाए आपके सुझाव बहोत लाभकारी हो सकते हैं , आप अपने सभी सुझाव हमारे साथ साझा करें , आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी , आपके अहम् सुझाव और चुनौती से हम श्रमिक मंत्रालयों को अवगत कराएँगे , अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए अभी अपने फ़ोन से दबाएँ नंबर ३ और रिकॉर्ड करें अपनी बात .

दोस्तों, राजस्थान सरकार ने तो ये मसौदा तैयार कर श्रम कानून में बदलाव के सुझाव तैयार कर रखें और इसके लिए उनके पास अपना तर्क भी है लेकिन क्या आप इन सुझाव से सहमत हैं की 50% तक नियोक्ता द्वारा कटौती , काम के घंटे तय करना , ओवरटाइम के घंटे और अवकास के सुझाव को सही मानते हैं , आपकी क्या राय है , क्या इससे आप श्रमिकों की जिंदगी में आसानी आएगी या मामला और उलझन पैदा करेगा? काम करते हुए आपने इन समितियों और नियमों का पालन होते हुए आपने क्या पाया ???आप अपने सभी सुझाव रिकॉर्ड करें नंबर ३ दबाकर. याद रखें आप सुझाव और जवाब निति निर्माण में अहम् भूमिका अदा कर सकती है इसलिए आप जो सोचते हैं वो हम तक जरूर पहुंचाएं , रिकॉर्ड करें और सुनते रहें और जुड़ें मोबाइल वाणी की खास पहल के साथ

-विश्वबैंक ने महामारी में श्रमिकों की मदद के लिए भारत को 50 करोड़ डॉलर ऋण स्वीकृत किया -क्या एक देश एक राशन कार्ड प्रवासी मज़दूरों को राहत दे सकेगा?