Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
अब सरकारी कर्मचारी पंचायतों में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराएंगे नहीं तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा। बताया गया कि पंचायत को हाई-टेक बनाया जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?
Transcript Unavailable.
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज ने बताया कि गिद्धौर प्रखंड के अंतर्गत मौरा पंचायत के पंचायत भवन के प्रांगण में मुखिया धनराज यादव की अध्यक्षता में ओडीएफ प्लस मॉडल पंचायत बनाने हेतु ग्राम सभा का आयोजन किया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि गिद्धौर में पूर्व मुखिया कला देवी की पहली पुण्य तिथि मनाई गई। इस अवसर पर उनके बेटे और बहू सहित कई गणमान्य लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
हमारे देश में हर एक दिन की अपनी खास बात और महत्व है। जहां एक दिन किसी दिन को हम किसी की जयंती के रूप में मनाते हैं, तो किसी दिन को बेहद ही खुशी से। इसी कड़ी में 24 अप्रैल का दिन भी बेहद खास है।इस दिन पंचायतो में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो पंचायत की उपलब्धियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में उनके योगदान को उजागर करते हैं। यह दिन 17 जून 1992 को संविधान में 73वें संशोधन के पारित होने और 24 अप्रैल 1993 को कानून लागू होने की याद में मनाया जाता है। पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है अगर देश में किसी गांव में कोई दिक्कत है या उस गांव की हालत खराब है, तो उस गांव की इस समस्या को दूर करने और उसे सशक्त एवं विकसित बनाने के लिए ग्राम पंचायत ही उचित कदम उठाती है। तो आइये दोस्तों ,इस राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर हम सभी पंचायत के नियमों का पालन करे और पंचायती राज व्यवस्था का हिस्सा बन कर पंचायत के विकास में योगदान दे । मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बिहार राज्य के गिद्धौर प्रखंड के संजीवन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की अब आपको अपनी खुद की पंचायत में नौवीं कक्षा में दाखिला लेना है , दोस्तों , मुझे बताएं कि शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि आठवीं कक्षा पास बच्चे कनुमी में नामांकन उनकी अपनी पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालय में करना होगा , यह प्रचार करके कि बच्चों को उनकी अपनी पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालय में नामांकित किया जाना चाहिए , सभी को सूचित किया जाएगा । सभी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है । आपकी पंचायत के बाहर के स्कूल में नौवीं कक्षा में नामांकन विशेष परिस्थितियों में माता - पिता के अनुरोध पर होगा । इसके लिए , जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र । इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि बच्चे अपनी पंचायत के स्कूलों में पढ़ाई करें , विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है । स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जो छात्र किसी अन्य पंचायत में स्थित स्कूल से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं , उनका यहां नामांकन न हो । नौवीं कक्षा में नामांकन न करें क्योंकि ऐसे छात्र नकली होने की संभावना है और केवल सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए नामांकन करना चाहते हैं । उन छात्रों को नामांकित करें जो वहां नामांकित होने जा रहे हैं , शहरी क्षेत्र के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन के लिए उसी पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालयों से नौवीं कक्षा वाले स्कूल को टैग करें , इसे संबंधित माध्यमिक विद्यालयों से भी टैग किया जाएगा । इसने कहा है कि जिलों के अधिकारियों को संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ मिलकर वहां के बुनियादी ढांचे का आकलन करना चाहिए और आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में अतिरिक्त कमरों का निर्माण कराना चाहिए ।
Transcript Unavailable.