दिल्ली एनसीआर से हमारे संवाददाता ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कंपनियों में काम करने वाले एक श्रमिक भाई से श्रम क़ानून के बारे में बातचीत कर रहे हैं। श्रमिक ने बताया कि कंपनी में उन्हें तीन घंटा ओवर टाइम देना पड़ता है लेकिन इसका पैसा सिंगल रेट पर ही पैसा मिलता है ।कंपनी वाले कानून का पालन नहीं करते। अगर श्रमिक आवाज़ उठाते है तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। सरकार द्वारा लागु किये गए कानूनों से श्रमिकों को कोई मदद नहीं मिल रही है। मजदूरों को मज़बूरी में कंपनियों में काम करना पड़ता है। इसमें पूरा फ़ायदा कंपनी वालों को ही मिल रहा है