झारखंड राज्य के गिरिडीह ज़िला से सर्वेश तिवारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाली के माध्यम से टोरी शाखा के सीटू से सम्बद्ध एलसीओईए के सचिव अयूब खान से हुई ।अयूब खान ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत मज़दूरों के समक्ष कई समस्याएँ आती है। जब श्रमिक उन समस्याओं की बात करते है तो उनका सुनने वाला कोई नहीं होता। श्रमिक यूनियन भी नहीं बना पाते है क्योंकि उनमे ठेकेदार का भय रहता है। ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाती है। श्रमिक ठेकेदार को अपनी समस्या भी बताते है परन्तु उन्हें कोई सहयोग नहीं मिलता। अयूब खान के अनुसार श्रम क़ानून मज़दूरों के लिए लाभदायक नहीं होता। श्रम अधिकारी होने के बावज़ूद कोई भी श्रमिकों को उनके श्रम के अनुसार वेतन सही से नहीं मिल पाया है।कारण यह की चार प्रखंड पर एक श्रम पदाधिकारी नियुक्त होने से श्रमिकों की समस्याओं का समुचित हल नहीं हो पाता है। इस पर श्रम क़ानून भी कारगार नहीं है। श्रम क़ानून में बदलाव की ज़रूरत है जिससे श्रमिकों को सुलभ तरीक़े से सहायता मिल सके