ऋषि बरवाबाद, गिरीडीह, झारखंड के एक प्रवासी कामगार शंकर पंडित, जो इस लॉक डाउन में सूरत, गुजरात फँस गए थे और सरकार की मदद से ट्रेन से आठ सौ रुपए देकर किसी तरह अपने घर पहुँच गए हैं, से बात कर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि इन्हें अभी तक काम नहीं मिला है। इनलोगों को घर पहुँचकर चौदह दिन के लिए होम क्वारंटीन रहने को कहा गया था। इन्हें सरकार द्वारा मनरेगा में काम दिए जाने की घोषणा की कोई जानकारी नहीं है। सरकार से इन्हें राशन के अतिरिक्त कोई अन्य सुविधा नहीं मिली है। सबकुछ सामान्य होने पर ये वापस सूरत जाएँगे। वहाँ लॉक डाउन के दौरान इनके मकान मालिक नेइनका किराया माफ़ कर दिया है। इनका कहना है कि अगर सरकार हमें यहीं जीविकोपार्जन के लिए कोई काम दे देती है, तो हम फिर उतनी दूर नहीं जाएँगे।