बॉर्डर से बोल रहा हूँ कंपनी नंबर एक सौ चौबीस में काम करता हूँ अभी तक तीन महीना हो गया पैसा नहीं दिया ठेकेदार किसी को बहुत परेशान कर रहे हैं न्यूज़ में ये सुने थे कि ठेकेदार हो या कम्पनी हो टाइम से पैसा मिलना चाहिए मगर एक सौ चौबीस कम्पनी नम्बर के ठेकेदार जितने हैं सारे वर्कर के लिए इतना तबाही कर दिए हैं कि तीन महीना से ज़्यादा हो चुका है पैसा अभी तक नहीं मिला है मेरा कहना है कि ये कारवाई आगे बढ़ाए एक सौ चौबीस कंपनी फेस वन में है ये मेरा कहना है भाई कैसे भी करके आगे कार्रवाई बढ़ाया जाए इसको सबको सूचना आगे बढ़ाया जाए क्योंकि ये ऐसे करके बहुत परेशान कर रहे हैं ठेकेदार जितने 70 महीना हो गया यह क्रम हालात में क्या खाएं क्या नहीं खाएं हिट न्यूज़ वाले बोले थे कि टाइम से पैसा मिलना चाहिए तीन तीन महीना हो गया कंपनी नंबर 12470 रहे परेशान कर रहे हैं ठेकेदार जितने हैं वो पहले तो सबसे ज़्यादा तो पैसा ही वो खाट काट लेते हैं जिसको होता है उसका पैसा काट लेते हैं दूसरी बात टाइम से पैसा नहीं तीन तीन महीना हो गया इस तरह हम हालात में क्या खाएँगे क्या नहीं खाएँगे न्यूज़ वाले बोले थे कि टाइम से पैसा मिलना चाहिए तीन तीन महीना हो गया कम्पनी नंबर एक सौ चौबीस के ठेकेदार ऐसे कर रहे हैं बहुत परेशान कर रहे हैं बहुत से ऐसे ठेकेदार हैं एक सौ तेरह के कम्पनी के हो गया ऐसे ऐसे करके बहुत मुश्किल कर दिए हैं गरीब आदमी को बहुत परेशान कर रहे हैं हमारा आगे कार्यक्रम बढ़ाया जाए न्यूज़ ओज जो न है दिया जाय कम से कम इसका कुछ रास्ता निकाला जाय

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हम जानना चाहते हैं कि क्या आपकी कंपनी ने लॉग डाउन से पहले की तनख्वाह ठीक तरीके से नहीं दे रहे या आप लॉकडाउन के दौरान तनख्वाह ना देने की बात कह रहे हैं। यदि आप लोग डाउन से पहले की बात कर रहे हैं तो आप अपने यूनियन या खुद भी लेबर ऑफिस में एक लिखित शिकायत दे सकते हैं और इस शिकायत के साथ अपनी कंपनी के द्वारा दी गई आई.डी कार्ड, सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर का जेरोक्स अटैच करें। लॉक डाउन के दौरान सैलरी की बात करें तो ग्रह मंत्रालय ने अपनी 29 मार्च की अधिसूचना में घोषणा की है कि लॉकडाउन अवधि को ऑन-ड्यूटी माना जाएगा, और नियोक्ता को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। लेकिन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयर्स ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को लॉकडाउन के दौरान पूर्ण वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी, दूसरी ओर एक और जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समाप्ति और वेतन कटौती से सुरक्षा की मांग की गई है। इसके लिए श्रमिको को जागरूक होना होगा और संगठन बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नियोक्ता और कर्मचारियों को आपस में बातचीत करनी चाहिए। नियोक्ता जो लॉकडाउन के दौरान काम कर रहे थे, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं, वो बातचीत में भी प्रवेश कर सकते हैं. चल रही बातचीत के लिए कर्मचारियों को बिना किसी पूर्वाग्रह के काम करने की अनुमति दी जा सकती है.
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June 17, 2020, 8:05 p.m. | Tags: lockdown   industrial work   governance   int-DT   govt entitlements   wages   int-PAJ   workplace entitlements