गुजरात के एक श्रोता से बातचीत में साझा मंच के माध्यम से बताया गया कि कोरोना महामारी से मजदूर वर्ग पर सबसे ज्यादा प्रभाव तो पड़ा ही है साथ ही आम जन भी परेशान हुए है। प्रवासी मजदूरों को अपने गांव जाने के लिए घुस देना पड़ रहा है। एक टिकट के लिए 685 से 1500 रूपये तक चुकाना पड़ रहा है। उसके बाद भी प्रवासियों को टिकट नहीं मिल रहा है। इन्होने ये भी बताया साझा मंच को कि श्रम कानून में बदलाव सही नहीं है। इससे मजदूरों को शोषण अधिक होगा।