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दोस्तों, आगामी 24 अप्रैल को पंचायती राज्य दिवस है ,चूँकि इसी दिन सन 1993 में सत्ता विकेन्द्रकरण के उद्देश्य से 73वां संविधान संशोधन कर पुरे देश भर में त्रिस्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था को लागु किया गया।त्रिस्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए हमे कई अधिकार मिले हैं। श्रोताओं हम आपसे जानना चाहते हैं कि..पंचायती राज्य अधिनियम के तहत मिली अधिकारों के प्रति आम लोगों में कितनी जागरूकता है ?पंचायती राज्य अधिनियम के तहत जो अधिकार पंचायत प्रतिनिधियों को दी गई है क्या उसका सही ढंग से पालन किया जा रहा है ? पिछले एक वर्ष के दौरान आपके क्षेत्र में क्या विकास कार्य हुए हैं ? अगर हा ,तो ये विकास कार्य किस क्षेत्र से जुड़ी है और किस गति से हो रही है ?साथ ही क्या आपके गांव में नियमित रूप से ग्राम सभा का आयोजन होता है? और इसमें आम जनता की भागीदारी कितनी होती है ? इस विषय पर आप अपने विचार एवं अपने क्षेत्र की स्थिति के बारे में हमे जरूर बातये नंबर -3 दबाकर।आपके द्वारा रिकॉर्ड कराए गए कुछ बेहतरीन प्रतिक्रियाओं को , पंचायत नामा के आने वाले अंक में प्रकाशित किया जायेगा। धन्यवाद।

बीरबल महतो जी मोहदा धनबाद से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि झारखण्ड में हो रही है हत्या ,अपहरण,छेड़खानी ,नारियों का शोषण ,चोरी ,डकैती चिंता का विषय है। समय पर दोषियों को न पकड़ पाना तथा दोषी पकड़े जाने पर उचित सजा ना देना ,अपराधियों को बढ़ावा देने के बराबर है। अपराधी अपराध कर के किसी राजनैतिक संरक्षण में बच जाता है। वैसे तो हत्या ,अपहरण,छेड़खानी देश के शायद ही कहीं ऐसा राज्य होगा जहाँ ऐसी घटनाये नहीं होती है परन्तु झारखण्ड राज्य में अभी अन्य राज्य की तुलना में ऐसी घटनाएं अधिक हो रही है ,जो चिंता का विषय है। झारखण्ड का हर नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे है एवं भयभीत हो गए है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि किसी भी राजनैतिक दबाव में ना आएं और हत्या या अपहरण के दोषी को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाये ताकि दूसरे अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। आज जरुरत है झारखण्ड सरकार को कड़ी रूप अपनाने का और जनता के भय को भागने का। यह तभी संभव है जब सरकार एवं प्रशासन दोषियों को जनता के बीच सज़ा दे कर विश्वास दिलाये कि अब डरने की जरुरत नहीं है

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जादूगोड़ा ,जिला पूर्वी सिहभूम से अजय खेमका जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत सरकार ने जो स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय निर्माण कराने की पहल की है वह वाकई काफी सराहनीये है।लेकिन जिस तरह हर चीज के सकारात्मक पहलु के साथ कुछ नकारात्मक चीजे भी जुड़ी होती हैं ठीक उसी तरह से शौचायल निर्माण में भी कुछ खामियां व्याप्त हैं। दरअसल पोटका प्रखंड के कई गांव जैसे राखा गोबर ,बूटगोड़ा ,दोवाम ,जादूगोड़ा आदि क्षेत्रों में शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत कराया गया लेकिन गौरतलब है कि शौचालय की टंकी में गैस पाईप नहीं लगाया गया,जिससे मैला का गंध बाहर नहीं निकल पा रहा है। यही वजह है कि मैला का गंध जमीन में फ़ैल रहा है जिससे वायु प्रदुषण बढ़ रहा है। अत: इस क्षेत्र के मुखिया से अनुरोध करते हैं कि जहां-जहां शौचालय का निर्माण कराया गया है वहां-वहां 10 फीट का गैस पाईप को अनिवार्य रूप से लगाया जाये ताकि लोगों को इस समस्या से निदान मिल सके।

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