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झारखण्ड राज्य के गोड्डा ज़िला ग्राम रामपुर से सहजानंद जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वो विकलांग हैं और गांव में हुए ग्राम सभा में आवास के लिए आवेदन किए थे। बाकियों की सूची में नाम आ गया परन्तु उनका नहीं आया।

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झारखण्ड राज्य के गोड्डा जिला से अनुजा देवी जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताया कि सरकार देश में स्वच्छता अभियान चला रही है ,जो काफी सराहनीय है, परन्तु सरकार केवल शहर में ही इस अभियान को जोर-शोर से चलाया जा रहा है। शहर में नगरपालिका कि गाड़ी हर घर जा कर कचड़ा को उठाती है। दूसरी ओर देखा जए तो गाँव में ऐसी व्यवस्था नहीं है ,ना तो सरकार इस ओर ध्यान देती है, और ना ही गाँव का मुखिया ध्यान देते हैं। गाँव के लोगों द्वारा जो भी घर से कचड़ा निकलता है। वे लोग घर के बाहर ही फेंक देते है। जिन से उन्हें कफी सारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार को गाँव पर भी ध्यान देना चाहिए ,और गाँव में भी शहर की तरह ही हर घर कचड़ा गाड़ी की व्यवस्था करना चाहिए तभी जा कर स्वच्छता अभियान पूर्ण होगा और गाँव स्वच्छ होगा तभी जा कर देश स्वच्छ होगा .

झारखंड राज्य के गोड्डा जिला से निरंजन सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राज्य में दूसरी बार ग्राम पंचायत का चुनाव हुए 4 साल हो गया।लेकिन विकास के नाम पर कहीं भी कुछ नहीं दिखता है।सरकार की ओर से पंचायतों के विकास के लिए पैसे बहुत सारे आए।लेकिन अधिकतर उस पर बिचौलिए हावी रहे।ग्राम सभा में मुखिया के द्वारा ग्रामीणों से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा कर किसी भी कार्य को पूरा दिखा दिया जाता है। पंचायत चुनाव के बाद इनके यहाँ एक सरकारी चापानल तक नहीं बनवाया गया है। नतीजा ये है कि आज सभी नल ख़राब पड़े हुए है।और नकली दस्तावेज़ बनाकर चापानल का पैसा भी जन प्रतिनिधि गबन कर ले रहे हैं । लेकिन उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर पंचायत में जो पंचायत स्वयं सेवक की बहाली की गयी है , वह एक सराहनीय कदम है।

झारखंड राज्य के गोड्डा जिला के पथरगामा प्रखंड से अनुजा दुबे मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि मुखिया सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।हाँ यह बात अलग है कि वर्तमान में पुरे गांव ने शौचालय का काम पुरे जोर-सोर से चल रहा है।और गरीब लोगों का घर भी बन रहा है, लेकिन गांव में विशेष कर महिलाओं के लिए भी कोई भी योजना नहीं निकाली गई है।जिस तरह से शहरों में महिलाओं के लिए सिलाई एवं कंप्यूटर आदि सिखाने की योजना निकाली गई थी उसी तरह गांवों में भी निकालना चाहिए।एक बात और गौर करने वाली यह है कि मुखिया कभी भी लोगों के गांव घर नहीं जाती हैं लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए।यहाँ तक की गांव के कई लोगों ने मुखिया को सही से देखा तक नहीं है। अत: उनका कहना है कि मुखिया को महिलाओं पर भी ध्यान देना चाहिए। जिससे महिलाएं भी घर बैठे सिलाई सिख ले और कम्प्यूटर चलाना सिख लें और कुछ रोजगार कर सकें ।