देवघर जिला अंतर्गत चित्रा थाना क्षेत्र निवासी प्रशांत कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलो अनाज देने को जो प्रावधान है वह भी ग्रामीणों को पूरा नहीं दिया जाता है। और यहां के जन वितरण प्रणाली के दूकानदार गरीबों के अनाज को डकारने में लगे हैं।इतना ही नहीं यहां पर यह देखने को मिल रहा है कि एक तो गरीबों को अनाज कम दिया जाता है और दूसरी ओर बदले में पैसा भी अधिक लिया जाता है।साथ ही यहां के जन वितरण प्रणाली का दूकान भी दुकानदार अपने मनमर्जी से खोलते हैं।इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि पंचायत से लेकर जिला स्तर तक इससे जुड़े सभी अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधियों के बीच आपसी मिली भगत है और उनके इशारे पर ही जन विरतण प्रणाली का दूकान संचालित हो रहे हैं

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जिला देवघर ग्राम बसंतपुर पोस्ट कोयली थाना जसीडीह से बलबीर राय जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सबसे पहले सरकार को एवं प्रशासन को सतर्क होना होगा,कार्यपालिका को सतर्क होना होगा।कोई भी योजना गुणवक्तायुक्त होना चाहिए। कृषि पर लगने वाली दरे को ख़त्म करना चाहिए और जितने भी वार्ड सदस्य एवं मुखिया एवं पंचायत समिति के सदस्य हैं उन्हें विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी एवं प्रशिक्षण देना चाहिए। जो भी योजनाए निकलती है उसका असर जमीनी स्तर पर दिखाना चाहिए। साथ ही वार्ड सदस्य एवं मुखिया एवं पंचायत समिति के सदस्यों द्वारा जनताओं के बीच बैठ कर सभी योजना की पूरी जानकारी जनता को देनी चाहिए। उनका कहना है कि जो भी व्यवस्था पंचायती राज में मिलती है उसे सुदृढ़ कर दिया जाए और पारदर्शिता लाया जाए तो पंचायती राज मजबूत हो सकता है। अतः सरकार से यह आग्रह करते हैं कि वे इस व्यवस्था में सुदृढ़ पारदर्शिता प्रस्तुत कर आम जनता को लाभ पहुंचाए।

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जिला देवघर , प्रखंड देवघर , झारखण्ड से बलबीर राय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सरकार ने संविधान में संशोधन कर पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50% का आरक्षण दिया है। यह बहुत ही ख़ुशी की बात है, हर क्षेत्र में महिलाओं का भागीदारी होना चाहिए। लेकिन आए दिन यह देखने को मिलता है कि महिलाओं में शिक्षा का अभाव के कारण कई क्षेत्र में महिलाओं का कार्य उनके पति,देवर या उनके ससुर के द्वारा किया जाता है।और बड़ी ही दुःख की बात है कि वे पंचायतों का काम अपने अनुसार करते हैं वे लोगों के हित में काम नहीं करते हैं,वे सिर्फ सरकारी फण्ड का फ़ायदा उठाने पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। यही वजह है कि पंचायत का विकास होता नजर नहीं आ रहा है और महिला प्रतिनिधि पूरी तरह से अपेक्षित रह जाती हैं। इसका मुख्य वजह है महिलाओं में शिक्षा की कमी होना। अतः पंचायत का भार ऐसी महिलाओं को दिया जाए जो शिक्षित हो,जो जागरूक हो ताकि पंचायत का विकास हो सके।

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