झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड में गांव के विकास के लिए 32 वर्षों बाद सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत चुनाव कराया कराया।और गाँव का विकास करने के लिए मुखिया को कई अधिकार मिले लेकिन सात सालों बाद भी गांव की स्थिति जस के तस बनी हुई है।अगर मुखिया को अपना अधिकार मालूम होता तो स्थानीय बेरोजगार अपने गांव से पलायन कर दूसरे राज्य में नहीं जाते। मुखिया,उपमुखिया 2016 में ही पांच वर्षों का कार्य योजना बना लिया है। जिस कार्य को आज तक धरातल पर लागू नहीं किया गया।वे कहते हैं कि गांव में मुर्गी पालन,गाय पालन,बकरी शेड ,तालाब निर्माण ,ग्रामीण सड़क निर्माण आदि कार्य कराया जाये, तो इससे ही रोज़गार उत्पन्न होगा।साथ ही स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि बंद कमरे में ग्राम सभा होना गांव के विकास पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।

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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम बीरबल महतो जी ने यह बताया कि 2010 में पंचायत चुनाव कराया गया था। परन्तु 7 वर्ष बाद भी गाँव का विकास नहीं हो पाया है। इस चुनाव का मुख्य उद्देश्य जनता का विकास करना था परन्तु वह पुरा नहीं हुआ। आज चुनाव हुए 7 वर्ष हो जाने के बाद भी लोगों को इसके माध्यम से जो सुविधाएँ मिलनी थी वह पुरा होते नजर नहीं आ रहा है। वे कहते हैं कि ग्रमीण जिस विश्वास के साथ उम्मीदवार का चयन कर अपने पंचायत का जिम्मा सौंपते हैं। उस उम्मीद पर उम्मीदवार खरा नहीं उतर पाते हैं।और चुनकर जैसे ही सत्ता में आते हैं जनप्रतिनिधि केवल अपना विकास देखने लगते हैं । साथ ही प्रतिनिधि गांव में प्रत्येक माह ग्राम सभा का आयोजन भी नहीं करते हैं । और यदि किसी माह ग्राम सभा का आयोजन होता भी है, तो आम जनताओं की बातों को नहीं सुना जाता है। पंचातय प्रतिनिधि के पास सरकार के द्वारा जो भी योजनाओं को पुरा करने के लिए पैसे दिए जाते हैं,वह लोगों तक नहीं पहुंचाया जाता है।सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और इन भ्रस्ट पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर कड़ी से कड़ी करवाई की करनी चाहिए।

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झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान झारखंड मोबाइल वाणी के खबर के असर के बारे में बताते हैं कि झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से कृषि से संबंधित जानकारी कार्यक्रम को प्रसारित किया गया। इस कार्यक्रम में जो भी बातों को बताया गया उन सभी बातों को किसान भाई अपने खेतों में इस्तेमाल किए जैसे- रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल करना एवं रासायनिक कीटनाशक दवा की जगह गौ मूत्र का उपयोग करना। इन सभी उपायों को करने से फसल बहुत अच्छी तथा पहले के मुताबिक मुनाफ़ा में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई।साथ ही कृषि कार्यक्रम के माध्यम से खेती करने के तौर तरीकों, साग-सब्जी का रख रखाव एवं हार्ट बाजार तक पहुंचाने की विधि की भी जानकारी घर बैठे प्राप्त हुई। मदन लाल चौहान जी ने इन सभी जानकारियों को अपने समुदाय में भी साझा किया। जिसे अन्य किसान भाई ने भी अपने खेतों में प्रयोग किया। इसके लिए मोबाइल वाणी को धन्यवाद करते हैं साथ ही इस तरफ के और कार्यक्रम को चलाने की मांग करते हैं।ताकि समय -समय पर बेहतर खेती करने की जानकारी प्राप्त हो सके।

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