राज्य झारखंड ज़िला धनबाद से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से एक ऐसे सफल महिला कि कहानी जो एक बहुत कम पढ़ी लिखी होते हुए भी समाज के लिए बहुत अच्छे काम किये है उनका नाम है रम्भा देवी जो बाघमारा प्रखंड अंतर्गत छत्रुटाँड़ पंचायत के मुरलीडीह बस्ती की रहने वाली हैं। ये महिलाओं को जागरूक करने के लिए महिला संगठन का निर्माण की हैं। महिलाओं के साथ मिल कर शराब बंदी के खिलाफ आवाज़ उठाया और महिलाओं को जागरूक करने के लिए अनेक संगठन भी बनाई हैं | उनकी जागरूकता से आज महिलाओं में काफी बदलाव आया है। आज महिलाएं समाज में सिर उठा कर भाग ले रहीं हैं और सभी अच्छे कामो में हाँथ बटाती है | जिसके कारण कई क्षेत्रो में आज रम्भा देवी को आदर और सम्मान दिया जाता है | साथ ही यदि क्षेत्र में महिलाओं के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यहार किया जाता है तो रम्भा देवी बढ़ चढ़ कर महिलाओं की मदद करती है|
झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखण्ड सरकार लोगों को रोजगार देने के नाम पर वोट बैंक तैयार करती है। परन्तु जब सरकार बनती है, तो वे अपने सारे वादों को भूल जाते है। उदाहरण स्वरूप झारखंड में मेधा डेयरी को 2013 में यह ज़िम्मेवारी दी गई थी कि झारखण्ड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन संरक्षक से दुग्ध उत्पादन के लिए ग्रामीणों को जोड़ा जाएगा। जिससे स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मुहैया हो सके।किन्तु गांव एवं पंचायत को इस संरक्षक से ना जोड़कर शहर वासियों को इसका लाभ दिया गया।लेकिन वह भी नदारत साबित हुआ। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बेरोजगारों को रोज़गार मिल सकती थी। परन्तु इस क्षेत्र में भी बिचौलियों को ही लाभ प्राप्त हुआ और जिन बेरोजगारों को रोज़गार देना था उन्हें वंचित रखा गया। आज बेरोजगार युवा रोज़गार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करने को विवश हो रहे हैं।
झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि जून 2013 में झारखंड में दुग्ध उत्पादन क्र आत्म निर्भर बनाने की योजना बनी की विभिन्न जिलों में डेयरी दूध उत्पादन करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ साथ ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने का उद्देश्य किया गया परन्तु यह केवल प्रत्येक जिले के शहरी क्षेत्र में ही डेयरी दुग्ध उत्पादन ही खोला गया। गांव में ऐसा कोई भी डेयरी दुग्ध उत्पादन केंदर नहीं खोला गया है जिससे ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा सके। यह केवल कागजों पर सिमटी हुई है धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है। जिस उद्देश्य से इसे झारखंड में किया लागू किया गया था वो गांव में देखने को नहीं मिल रहा है
Transcript Unavailable.
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झारखंड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि राज्य से दिनों दिन मानव तस्करी की समस्या कम होने के बजाये वर्तमान में काफी बढ़ गया है इसके पीछे गरीबी एक महत्वपूर्ण कारण है।सरकार के द्वारा मानव तस्करी रोकने के लिए कानून तो बनाये गए हैं परन्तु सुस्त कानून व्यवस्था के कारण विचौलिया एवं दलाल हावी है।वे कहते हैं कि मानव तस्करी को रोकने के लिए सिर्फ कानून बनाने से नहीं बल्कि झारखण्ड में ही रोजगार सृजन के उपाए सरकार को ढूंढना चाहिए।साथ ही रजिस्टर एनजीओ के माध्यम से हो रहे लड़कियों की तस्करी पर नुक्कड़ नाटक सभा का आयोजन समय समय पर कराना चाहिए। ताकि इसके प्रति समाज के लोगों में जागरूकता आये।चूँकि जानकारी और शिक्षा के आभाव में पीड़ित परिवार दलालो को पहचान नहीं कर पाते हैं। जिसका फायदा बिचौलिए चिकनी चुपड़ी बातो कर लोगों को फंसा लेता है। इस तरह हो रहे मानव तस्करी से लड़कियों की तस्करी करने वाले दलाल मालामाल हो रहे हैं, तो वहीँ असंख्य युवतियों की नर्क बनती जा रही है । अत: इसे रोकने के लिए सरकार को रोजगार पर फोकस करना चाहिए।
झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि,वर्तमान समय में केंद्र व राज्य सरकार विभिन्न संगठनो के द्वारा नारी सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है लेकिन आज भी झारखंड की युवतियां तस्करों के जाल में फस कर मुंबई,दिल्ली हरियाणा में बेच दी जाती है। और लड़कियों का जीना हराम हो जाता है।सरकार ने मानव तस्करी पर सिकंजा कसने के लिए कानून तो बनाया है पर यह कानून भी भ्रष्टाचार का बली चढ़ गया है। अगर मानव तस्करी के मामले सामने आते भी हैं, तो घुस लेकर तस्करों को छोड़ दिया जाता हैं। जिसके कारण तस्करो का मनोबल और भी बढ़ जाता है। अत: जरुरत है समाज तथा सभी संगठनों को मिल कर जागरूकता अभियान चला कर मानव तस्करी को रकने की । साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को चाहिए कि युवतियों के लिए अपने गांव में ही स्वरोजगार मुहैया कराये ताकि रोजगार के तलाश में युवतियां बाहर न जाये
झारखंड के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से राष्ट्रीय महिला दिवस पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे है। कविता के माध्यम से बीरबल जी ये सन्देश दे रहे है की महिलाओं को सम्मान देना चाहिए।