झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक प्रखंड से टीकनारायण प्रसाद मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धान धुप की वज़ह से सूख रही हैं। इस कारण किसानों में उदासी छाई हुई हैं। हल्की बारिश होने से आधा रोपाई हो चुकी हैं परन्तु धूप अधिक हो जाने की वज़ह से धान मरने की स्थिति में आ गई हैं। साथ ही किसानों को भी कड़ी धूप का सामना करना पड़ रहा हैं। उनका सारा पूँजी व परिश्रम व्यर्थ चला गया।
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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला से टिकनारायण प्रसाद झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जनता के स्वास्थ्य के विषय में प्रधानमंत्री द्वारा स्वास्थ्य अभियान पुरे भारत देश में चलाया गया है। परन्तु यह देखा जा रहा है कि इचाक प्रखंड अंतर्गत स्वक्षता के नाम पर कोई कार्य नहीं किया गया है। कई जगहों पर शौचालय बनाया गया है लेकिन उसमें कोई भी गुणवक्ता नहीं है जिसके कारण शौचालय का उपयोग जनता नहीं कर पा रहें हैं
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि हजारीबाग निर्मल महतो पार्क के बगल में कूड़े का अम्बार लगा हुआ था। इससे चारों ओर गंदगी फैली रहती थी एवं काफी दुर्गन्ध आने लगा था। इस रास्ते से आवगमन करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। इस खबर को मोबाइल वाणी में प्रसारित किया गया और पदाधिकारियों को फॉरवर्ड कर सुनाया गया। इस खबर को सुनकर हजारीबाग के उपायुक्त सीआरपीएफ के जवानो के साथ सफाई अभियान में जुट गए। जिन-जिन जगहों पर गंदगियाँ फैली हुई थी उन जगहों पर जवानों की मदद से सफाई की गई।
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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक से टीकनारायण प्रसाद मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि झारखण्ड खनिजों से परिपूर्ण हैं। तब भी राज्य के नौजवान बेरोज़गारी में इधर से उधर भटक रहे हैं।अगर कही कमाने के लिए भी जाते हैं तो अपनी शरीर को ख़राब कर वापस आ जाते हैं। जिस उम्र में उन्हें माता पिता का प्यार मिलना चाहिए वो उस प्यार से वंचित रह जाते हैं। झारखण्ड कोयला उत्पादक राज्य हैं। यहाँ अधिक मात्रा में कोयला पाया जाता हैं। देखा जाता हैं की राज्य से कोयला दूसरे राज्य में निर्यात होता हैं और वहा निर्यात कोयले के जरिए काल-कारखानों आदि स्थापित कर कई रोज़गार के अवसर निकल जाता हैं। परन्तु झारखण्ड में ऐसा नहीं हैं।यहाँ से सारा कोयला दूसरे राज्य निर्यात कर दिया जाता हैं और यहाँ राज्य में कोयले बस जलाने तक के काम में आते हैं। टीकनारायण जी के अनुसार कोयले को ही माध्यम बना कर राज्य में ही रोज़गार के अवसर को बढ़ाना चाहिए।सरकार को कई ऐसे कारख़ाने,ईट-भट्टे स्थापित करना चाहिए जिसमें कोयला को उपयोग में लाया जा सके। और बेरोजगारों के लिए रोज़गार उपलब्ध करवाना चाहिए।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि कुम्हार पर्यावरण को सुरक्षित रखने का काम करते हैं।गाँव देहातों में यह देखा जाता था कि लोग अपने घरों में कुम्हारों द्वारा निर्मित मिटटी के दिये में करंज का तेल या सरसों का तेल डालकर अपने घरों में रोशनी बिखरते थे।उस दिए से जो सुगन्ध और प्रकाश निकलता था वो कीड़ा मारने युक्त होता था। जिससे हमारा पर्यावरण शुद्ध होता था। परन्तु आज यह देखने को मिलता है कि लोग मिट्टी के दिए की जगह मोमबत्ती और चायनीज लाइट बत्ती का प्रयोग करते हैं। पर दीपावली पर्व का उद्देश्य केवल लाइट बत्ती जलाना ही नहीं बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी के बर्तन में दीपक जलाने के बाद उसकी रोशनी से एक विशेष प्रकार का सुगन्ध निकलता है उससे हमारा पर्यावरण शुद्ध करने का था। अतः लोगों को हमेशा दीपावली में कुम्हारों द्वारा बनाए दिए का ही प्रयोग करना चाहिए।