Palamu: Rajmani Yadav called from Lesliganj, Palamu to sing a song on the issue of displacement.
राजमणि यादव ग्राम राजहरा लेस्लीगंज पलामू से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की उनके ग्राम राजहरा में एक मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति जिसकी उम्र २५ वर्ष जो अपना पता पांडू बताता जो काले रंग का हैं. झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रोताओं को सूचित किया हैं की जो भी इनके बारे जानते हो इन्हें आकर ले जाये.
Palamu: Rajmani Yadav called from Lesliganj, Palamu to share a song on displacement and the grief of the displaced folks.
राजमणि यादव लेस्लीगंज पलामू से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर विस्थापन के सम्बन्ध में एक गीत प्रस्तुत किया जिसमे विस्थापन से होने वाले दुःख को उन्होने बयां किया हैं.
पलामू लेस्लीगंज से राजमणि यादव जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक वायागात्मक हास्य रचना प्रस्तुत किया.
पलामू लेस्लीगंज के ग्राम राजहरा से बिनोद पाल जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उनके ग्राम में बी पी एल लाभुको को चावल अनियमित तरीके से वितरित की जाती हैं एवं यह सारा खेल वहां के माफियाओं और जन्प्रतिनिधीयों के मिलीभगत से किया जाता हैं.
पलामू: लेस्लीगंज, पलामू से राजमणि यादव ने झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि पिछले १० जनवरी २०१३ को कामेश भुइयां और उनके परिवार के ५ लोगो की मौत उस वक्त हो गई थी जब वे लोग बिहार के औरंगाबाद जिला से धान काटने का काम कर वापस अपने घर लौट रहे थे उसी क्रम में ट्रक पलटी और इनके साथ ट्रक में सवार २५ लोगो की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए.उन्होंने बताया कि उस समय झारखण्ड सरकार ने 1-1 लाख और बिहार सरकार ने 50,000- 50,000 रूपए देने की धोषण की थी. दुःख की बात तो यह है कि इनके परिवारों को मुवावजे के नाम पर कुछ भी नही मिला.कामेश भुइयां के माँ ने बताया कि उन्हें उनके बेटे, बहु, पोते और पोतियों के मौत पर उन्हें कोई मुवावजा नही दिया गया. जबकि जब इन मृतकों की शव घर लाया गया था. तब अधिकारी और विधायकगण भी आयें थे. उनका कहना है की बाकि मृतको के परिवारों को मिला.
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Palamu: Rajmani Yadav called from Lesliganj to inform about a family who deprived of its sole bread earner and now running from pillar to post to meet their two ends meet. Shavitri Devi, a widow whose husband died as a migrated labour in the month of January. Even after five months of the labour's demise nothing has came in the way of the unfortunate widow in the name of Government's welfare benefits.
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