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झारखण्ड राज्य के रांची जिला से जयवीर यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है,जिसमें लड़कियां ज्यादा नंबर लाई हैं।लड़कियों की सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से मजबूत प्रयास किया जाना चाहिए।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह, माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्कर्ष गुप्ता, झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो और सचिव एसडी तिग्गा के द्वारा रिजल्ट जारी किया गया। पहली बार जैक ने अप्रैल महीने में रिजल्ट जारी किया। पहले मई - जून में परिणाम जारी होते थे। अगले सप्ताह इंटरमीडिएट साइंस, आर्ट्स, और कॉमर्स का रिजल्ट भी जारी किये जाने की संभावना है। इस साल ऐसा पहली बार हुआ की मात्र 20 दिनों में ही मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का संचालन किया गया। पूर्व के वर्षों में यह परीक्षाएं 1 महीने से भी अधिक समय तक चलती थीं। जेएसी दसवीं परिणाम 2024 झारखंड बोर्ड रोल नंबर के साथ इस तरह चेक कर पाएंगे जो छात्र 6 से 26 फरवरी 2024 के बीच एग्जाम में बैठे थे, वह आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: jacresults.com होम पेज पर, जेएसी कक्षा 10 वीं रिजल्ट 2024लिंक पर क्लिक करें रोल कोड रोल नंबर सबमिट करें मार्क्स देखे व डाउनलोड करें । झारखंड एकेडमिक काउंसिल मैट्रिक की परीक्षा 6 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित हुई थी। मैट्रिक के लिए 1238 और इंटरमीडिएट के लिए 740 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जैक 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं की परीक्षा में करीब 7, 66,500 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। मैट्रिक में 4,21,678 छात्र-छात्रा परीक्षा में शामिल हुए। मैट्रिक की परीक्षा पहली पाली में सुबह 9:45 बजे से 1:05 तक हुई। जैक झारखंड बोर्ड मैट्रिक में पिछले साल 95.38 फ़ीसदी स्टूडेंट पास हुए थे। जैक झारखंड बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में शामिल 4,27,294 छात्र-छात्रा में 4,07,559 सफल हुए थे। मैट्रिक में 2,69,913 प्रथम 1,26,563 द्वितीय और 11,083 ने तृतीय श्रेणी अर्जित की थी। इंटर साइंस में शामिल 73,833 में से 60,134 पास हुए। उसमें 54,481 प्रथम श्रेणी 5,634 द्वितीय श्रेणी और 15 छात्र तृतीय श्रेणी से पास हुए थे।

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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

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