हजारीबाग गिरिडीह बोकारो आसपास क्षेत्र में प्रवासी श्रमिक के निरंतर मौत होने की सूचना से क्षेत्र की जनता मर्माहत है उक्त बातें नावाडीह ऊपरघाट प्रखंड के समाजसेवी भुवनेश्वर महतो में शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड में खनिज संपदा के भंडार रहने के बावजूद भी इस क्षेत्र में रोजगार नहीं मिल पा रहा है लगातार पलायन होने से क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों की मौत बढ़ती ही जा रही है इसी कड़ी में हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड सिरैय पंचायत निवासी उदालबेडा तारकेश्वर महतो के इकलौता पुत्र प्रकाश महतो का मौत महाराष्ट्र के मुंबई में ऊंचाई से गिरने से हो गया परिजन को सूचना मिलते हैं रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।

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गिद्धौर-जमुई मुख्य मार्ग पर बानाडीह गांव के समीप झाझा की ओर से आ रहे एक हाईवा ट्रक अनियंत्रित हो मार्ग किनारे पीतांबर यादव पिता भरोसी यादव के घर में जा घुसा। घटना सोमवार की अहले सुबह की बतायी जाती है, आसपास के ग्रामीणों की माने तो बताया जाता है कि हाईवा ट्रक तेज रफ्तार होने के कारण अनियंत्रित हो गया। ट्रक वाहन सड़क किनारे बने घर के बरामदे में जा घुसा। हलांकि घटना के वक्त गनीमत यह रही कि घटना के वक्त बरामदे पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, सभी घर के अंदर सो रहे थे, जिससे कारण एक बड़ा हादसा होते होते टल गया।

सर्दी के मौसम होते ही बच्चे परेशान होना शुरू हो गए हैं खासकर यह देखा जा रहा है कि ठंड इतनी अधिक बढ़ गई है कि लोग बीमार पड़ रहे हैं। खासकर बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित है। जिसके कारण सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों का भीड़ बढ़ता जा रहा है।

दिनेश की हापुड़ निवासी पीड़िता की मां से कोई बातचीत

झाझा जसीडीह मुख्य रेल मार्ग पर एक बड़ा रेल हादसा हुआ है. सीमेंट से भरी मालगाड़ी के लगभग एक दर्जन डिब्बे के बेपटरी होने की खबर है, जिसमें से तीन डिब्बे पुल से नीचे गिर गए. इस हादसे के बाद जसीडीह-झाझा रेलखंड पर यातायात बाधित हो गया था, जिससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा. अच्छी बात यह है कि हादसे में किसी के घायल या मारे जाने की खबर नहीं है, जिससे राहत की सांस ली गई है। विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

विष्णुगढ़ प्रखंड के बनासो पंचायत अंतर्गत बिलंडी बिरहोर टोला में आदिम जनजाति के बीच प्रखंड विकास पदाधिकारी अखिलेश कुमार के द्वारा कम्बल वितरण किया गया इस अवसर पर अभय कुमार करण यादव मुखिया चंद्रशेखर पटेल समेत कई लोग मौजूदथे।

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बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार तभी संभव हो सकता है जब महिलाओं के नाम से पुरुष वर्ग अपनी जमीन जायदाद का हिस्सा बना देता है। आज के समय में पुरुष महिलाओं के नाम जमीन खरीदना शुरू कर दिए है। घर का बड़ा भाई जब पत्नी के नाम जमीन खरीदना शुरू कर देते है तो उस जमीन में छोटे भाई का हिस्सा नहीं बनता है। जब से महिलाओं के नाम जमीन होने लगा है तब से महिलाओं का घर में मान सम्मान बढ़ गया है और महिलाएँ खुद को आत्मनिर्भर समझने लगी है।महिलाओं को जमीन मिलने से तलाक का मामला कम हो गया है। क्योंकि भय रहता है कि महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर अगर वो मायके चले जाएगी तो जमीन की हकदार महिला होगी। शिक्षित महिला जमीन से होने वाली आय का इस्तेमाल छोटे रोज़गार जैसे सिलाई ,अगरबत्ती , मोमबत्ती बनाना ,लाख की चूड़ी बनाना ,परिवार की देख रेख करना ,बच्चों की पढ़ाई करना आदि में कर रही है। अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ाने का काम कर रही है। जमीन मिलने से महिलाएँ आज के समय में आगे बढ़ गयी है। महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए ताकि भूमि बचा रहे। क्योंकि अक्सर पुरुष की ख़राब लत से दिक्कत आ जाती है और जमीन को बचा कर नहीं रख पाते है।

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