धरहरा (संवाददाता):-सुशासन सरकार मे नौकरशाह इतना निरंकुश है कि सीएम के आदेश को भी रौंद रहे है । यह मामला धरहरा प्रखंड का है जहाँ आजादी के बाद से प्रखंड मुख्यालय के समीप नाला का निर्माण नही होने से यहाँ के ग्रामीण नरक मे जीने को विवश है । इसी गंभीर मुद्दा को लेकर धरहरा बाजार के युवा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार मे अपनी एवं आस- पास के लोगो के समस्या को लेकर 19 जुलाई 2021 को मिले थे। डीएम एवं संबंधित धरहरा बीडीओ को जल जमाव की स्थिति को अबिलम्व दुर करने का निर्देश सीएम नीतीश कुमार ने दिया । निर्देश के बाद प्रशासनिक विभाग ने नाला का प्राक्कलन बनाकर पंचायत चुनाव से पूर्व कार्य प्रारंभ की सुगबुगाहट की परंतु योजना से संबंधित अभिकर्ता ने राशि निकासी करने के बाद भी नाला का निर्माण नही कराया । मुख्यमंत्री के जनता दरबार मे पहुँचे फरियादी उपमन्यु रंजन ने जब धरहरा बीडीओ मृत्युंजय कुमार से इस संबंध मे बात की तो बीडीओ धरहरा ने कोई संतोष जनक जबाव नही दिया एवं पल्ला झाड़ते हुए नाला कार्य अबिलम्व चालु करने की बात कही परंतु महीनो बीत जाने के बावजूद कार्य प्रारंभ नही हो पाया जिससे साफ जाहिर होता है कि सुशासन के नौकरशाह आज भी मुख्यमंत्री के आदेश को कोई तहलीज नही देते एवं जिससे धरहरा महरना पंचायत के वार्ड नम्बर 17 के ग्रामीण नरक मे जीने को विवश है ।ग्रामीण पशुपति प्रसाद गुप्ता,सुभाष चन्द्र झा,गुड्डु ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कार्य मे लापारवाह नौकरशाह पर कारवाई करते हुए नाला निर्माण अबिलम्व चालु कराने की माँग की है ।

हर घर नल जल योजना का हाल हुआ बेहाल ग्रामीणों को हो रही परेशानी

बिहार राज्य के जिला मुंगेर के नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के वार्ड संख्या 14 निवासी महेंद्र दास ने बताया कि इन्हे सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ मिल रहा था पर विगत छह-सात महीने से इनका नाम कट गया या क्या हुआ पता नहीं चल रहा है जिसकी वजह से इनके खाते पर पेंशन की राशि नहीं आ रही है

कल्याणटोला पंचायत के वार्ड नंबर- 7 में पीएचईडी विभाग द्वारा उक्त वार्ड से होकर गुजरने वाले आमजनों एवं वार्ड वासियों को प्यास बुझाने के लिए चापाकल गड़े गए।लेकिन पीएचईडी विभाग द्वारा चापाकल गाड़ने के तीन माह बाद ही फेल हो गया।इस संबंध में वार्ड वासियों ने बताया कि विभाग द्वारा तीन वर्ष पूर्व यह चापाकल गड़वाया गया है लेकिन चापाकल गाड़ने के तीन माह बाद ही चापाकल फेल हो गया था।खराब पड़े चापाकल की मरम्मत के लिए कई बार विभाग को भी अवगत कराया गया, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया।जिससे वार्ड वासी परेशानी है लोग दूर दराज से पीने के लिए पानी लाते हैं कुछ जगहों पर लोग कुएं के पानी का इस्तेमाल पीने के लिए कर रहे हैं।

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साथियों, क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

अंकित चौधरी

मोबाइल वाणी के माध्यम से रीना देवी बताती हैं कि उन्हें अब तक इंदिरा आवास सेवा का लाभ नहीं मिला है। वह बताती हैं कि उन्होंने लेबर कार्ड भी बनवाया था लेकिन उन्हें इस सेवा का अब तक लाभ नहीं मिला है।

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के धरहरा से मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता बताते हैं कि वह मजदूरी का काम करते हैं, महीने में उन्हें केवल 10 काम मिलता है, बाकी के 20 दिन वे बेरोजगार रहते हैं। न ही अब तक उनका अभी तक राशन कार्ड बन पाया है। इसलिए उन्होंने मोबाइल वाणी के माध्यम से राशन कार्ड बनवाने की अपील की है।

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