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साथियों, क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

लॉक डाउन में बच्चों को अपनी पढाई में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पडा

दोस्तों, लॉकडाउन के अकेलेपन को हम सबने झेला है पर खतरा अभी टला नहीं है और हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जता चुके हैं. ऐसे में क्या इस तरह की लापरवाही ठीक है? हमें बताएं कि आखिर क्यों सार्वजनिक स्थलों पर इतनी ज्यादा आवाजाही हो रही है? क्या स्थानीय प्रबंधन इसे रोकने के लिए कोई प्रयास कर रहा है? क्या केवल चालान काटने और जुर्माना लगा देने भर से कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवाही को रोका जा सकता है या फिर इसके लिए आम लोगों का जागरूक होना ज्यादा जरूरी है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

नमस्कार दोस्तों, पहले कोरोना आया और फिर साथ में लेकर आया लॉकडाउन, जिसने देश में हर गतिविधि को रोक दिया. जिनके घर राशन से भरे थे वे इस वक्त को गुजारते चले गए और जो हर दिन की कमाई पर निर्भर थे वे सरकारी राशन, आम लोगों की दया के भरोसे वक्त गुजारते रहे. अब अनलॉक हो चुका है, प्रवासी मजदूरों को यकीन था कि वे फिर से शहर लौटेंगे और सब ठीक हो जाएगा... पर क्या वाकई ऐसा हुआ है?दोस्तों, हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आप भी इस संकट का सामना कर रहे हैं? क्या आपको भी रोजगार की तलाश करने में परेशानी हो रही है? कंपनी मालिक क्या कह कर काम देने से ​इंकार कर रहे हैं? क्या कारखानों में काम देने के पहले वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है? अगर आप अब तक को​रोना की वैक्सीन नहीं ले पाएं हैं तो इसका क्या कारण है? क्या वापिस गांव लौटने पर आपको काम मिलने की उम्मीद है? अगर आपको पहले की तरह रोजगार नहीं मिल रहा है, तो परिवार का भरण पोषण कैसे कर रहे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

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झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला जरीडीह से शिव नारायण महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जरीडीह प्रखंड के जैना मोड़ बोकारो उपयुक्त कुलदीप चौधरी के निर्देश पर जरीडीह थाना प्रभारी विनय कुमार के निर्देश पर रविवार को एफ आई बिरजू राम ने प्रतिनियुक्त पुलिस बल के साथ बेवजह घूम रहे लोगों को कड़ाई के साथ पांचवे वीकेंड का अनुपालन करवाया

वीकेंड लाक डाउन का जरीडीह पुलिस ने कड़ाई से करवाया अनुपालन। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला ने उषा देवी से साक्षात्कार लिया।जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था। लेकिन अब तक राशन कार्ड नहीं मिला है। कोरोना काल में हमारी आर्थिक हालत खराब हो गई है। राशन नहीं मिलने के कारण परिवार के भरण-पोषण में काफी कठिनाई हो रही है