Transcript Unavailable.

चुनावी रैलियों से कोरोना संक्रमण दूर करने का शोध समाप्त हो गया। प्रजातंत्र में तंत्र को बचाना प्रजा से ज़्यादा ज़रूरी हो गया जबकि मतदान का अधिकार छोड़कर प्रजाओं में कोई सामान्यता नहीं दिखी| कॉम्पनियों में खपने वाले मज़दूर और खपाने वाले पूंजीपतियों में से मज़दूर हमेशा की तरह प्रजातंत्र में प्रजा की ही श्रेणी में नज़र आया आये।

Transcript Unavailable.

पेटरवार प्रखंड में पुर्ण लॉकडाउन का असर दिखा सभी दुकानें बंद नजर आई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पूर्ण लाकडाउन पुरे शहर में दिखा

Transcript Unavailable.

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला ने बताया की पारा शिक्षकों की कोरोना हाल में स्थिति बेहद खराब है। इसलिए केंद्र सरकार पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान पर ध्यान दें

Transcript Unavailable.

नमस्कार दोस्तों, कोरोना वायरस का कहर कम होता दिख रहा है, शहर और रास्ते फिर खुलने लगे हैं, लोग अपने काम पर वापस जाने की तैयारी में है. लेकिन इन सबके पीछे एक अहम मसला है...जो छूट रहा है! ये है ग्रामीण स्वास्थ्य की बदहाल व्यवस्था.. जिस पर बात करना इसलिए जरूरी है कि क्योंकि भारत की अधिकांश आबादी अभी भी गांवों में बसती है. जिनकी सेहत वहां के बदहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निर्भर है. कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा भयावह स्थिति ग्रामीण इलाकों में बनी. साथियों, हमें बताएं कि आपके गांव के सामुदायिक, प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति कैसी है? क्या वहां दवाएं, चिकित्सक और दूसरा मेडिकल स्टॉफ है? क्या इन केन्द्रों पर पर्याप्त बिस्तर, आॅक्सीजन सिलेंडर और दूसरे जरूरी उपकरण उपलब्ध हो रहे हैं? कोरोना काल के दौरान क्या इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और दूसरी बीमारियों से ग्रसित लोगों को इलाज मिल सका? क्या कोरोनाकाल के दौरान गांव में टीकाकरण का काम प्रभावित हुआ है?अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

Transcript Unavailable.