महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

जरीडीह प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों में राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना को लेकर लगाया गया कैम्प।

पेटरवार के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा के तहत कूप, आम बागवानी, डोभा, टिसीबी व ट्रेंच कटिंग की कई योजनायें चल रही हैं पर मजदूरी भुगतान समय पर नहीं होने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल पंचायतों में  सिर्फ नयी योजनाओं का काम ही यदा कदा चल रही है बाकि पुरानी योजनाओं का काम मजदूरी भुगतान नहीं होने पर रुका हुआ है.  एक आंकड़ा के अनुसार अरजुवा पंचायत में 8 लाख 83 हजार 44 रूपये, चांदो में 3 लाख 39 हजार 7 सौ 20 रूपये, दारीद 2 लाख 56 हजार 2 सौ 12, ओरदाना 7 लाख 51 हजार 32, पतकी में 12लाख 26 हजार 3 सौ 76, सदमाकला में 2 लाख 85 हजार 4 सौ 56, उलगड्डा में 5 लाख 76 हजार 3 सौ 45 एवं उत्तासारा पंचायत में 3लाख 85 हजार 5 सौ 9 रूपये. कुल 79 लाख 91 हजार 9 सौ 64 रूपये  सिंचाई कूप, आम बागवानी, डोभा, टिसीबी व ट्रेंच की योजनाओं में बकाया है. यह बकाया गत चार माह से है.   पेटरवार प्रखंड के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि समय पर मजदूरी भुगतान नहीं होने पर मजदूर लगातार काम पर जाने से कतराने लगते हैं चुंकि उनका घर मजदूरी से ही चलता है. बीच में कुछ राशि आयी जिससे कुछ राहत मिली पर पर्याप्त भुगतान नहीं हो पाया. इस तरह से गत चार माह से योजनाओं के कार्यन्वयन में ज्यादा परेशानी बढ़ी है. जैसे ही राशि उपलब्ध होगी अविलम्ब भुगतान कर दिया जायगा और कार्यों को गति दी जायगी.

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

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झारखंड राज्य में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में इन्हें लाभ मिल रहा है

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