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दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

एन. डी. ए. और भारत गठबंधन के खिलाफ आंदोलनकारी इमाम शफी गिरिडीह संसद में बोकारो से झारखंड युवा संघ की केंद्रीय संयोजक भाषा खथियां इमाम सती ने मोबाइल वानी के साथ बातचीत में कहा कि शिक्षा और चिकित्सा को जाति, धर्म और घृणा की वर्तमान राजनीति को समाप्त करना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिले से जे. एम. रंगीला जी ने मोबाइल वाणी के पक्ष और विपक्ष कड़ी संख्या 63 में दिलीप कुमार महतो खास बातचीत, घोषणापत्र का विषय है तो आइए इस मुद्दे पर बात करते हैं आज हम नवाडीह प्रखंड के गुंजारदी गांव पहुंच गए हैं जहाँ एक युवा किसान दिलीप कुमार महतो के साथ बातचीत कर रहे हैं। सांसद या विधायक, जो चुनाव में खड़े होते हैं, वे उम्मीदवार और दल वादा करते हैं कि हम ऐसा करेंगे,क्या कारण है कि वह हमें गुमराह करने के लिए ऐसा करती है? विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिले से जे. एम. रंगीला जी ने मोबाइल वाणी के पक्ष और विपक्ष कड़ी संख्या 63 में मोतीलाल हांसदा बेरमो बोकारो से खास बातचीत की खाली घोषणा करने वाले नेता घोषणाओं के अनुसार काम नहीं करते हैं, राजनीतिक दल हो, चाहे वह पक्ष में हो या विपक्ष में, हर कोई अपना घोषणापत्र जारी करता है, जैसे कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार दूंगा। पंद्रह लाख रुपये आएंगे, तो यह कितना सही हो पाया है, विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।

सुदेश कुमार महतो रविवार को नावाडीह के भेंडरा मोड़ पहुंचे, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता सहित कई लोगों ने आजसू का दामन थामा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

नावाडीह में आजसू सुप्रीमो का किया गया स्वागत, प्रेमचंद महतो कांग्रेस छोड़ आजसू में शामिल।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) ने धनबाद, दुमका, रांची से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. शनिवार को पार्टी के केंद्रीय प्रधान महासचिव ने इन तीनों प्रत्याशियों की सूची जारी की। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?