बिहार राज्य के जिला औरंगाबाद से प्रिंस , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि मैं कुछ भी कर सकती हूँ कार्यक्रम सुनकर अच्छा लगा। और इस कार्यक्रम में जिस तरह से हॉस्पिटल का जिक्र किया गया है उसी तरह उनके गाँव में भी हॉस्पिटल होना चाहिए है। उनके गाँव में हॉस्पिटल नहीं है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

दाउदनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शिव शंकर झा की अध्यक्षता में एएनएम की बैठक आयोजित की गई।

ओबरा प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी मंदिर के प्रांगण में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रुचि पाठक के नेतृत्व में किया गया। प्रखंड के दर्जनों गांवों से आए मरीजों को निशुल्क जांच पड़ताल कर दवा उपलब्ध कराया गया।

हसपुरा थानाक्षेत्र के डुमरा गांव में 12 वर्षीय किशोर का संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को डुमरा गांव के 12 वर्षीय किशोर को अचेतावस्था में ईलाज के लिए हसपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। किशोर के गले मे रस्सी का निशान था। हसपुरा थाना से एसआई पवन कुमार दल बल के अस्पताल पहुंचकर मृतक के परिजनों से पूछताछ किया। हालांकि अभी मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

रफीगंज कासमा पथ के पांडेय कर्मा गांव के पास बुलेट बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमें पौथु गांव निवासी सुशील कुमार सिंह की पत्नी संध्या देवी 45 वर्षीय की मौत हो गई। सड़क दुर्घटना में महिला के गिरने से सर में काफी चोट आयी। स्थानीय लोगों एवं प्रशासन द्वारा रफीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां मृत घोषित कर दिया गया।