Transcript Unavailable.

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि उनके पास नल , घर, और सड़क नहीं है जिसके कारण वह बहुत परेशान है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि प्रचंड गर्मी से लोग परेशान है। पशु पक्षी बेहाल हो गए है। गर्मी से बचाओ के लिए घरों से बाहर कम निकलें। इस गर्मी संभल कर रहे। प्रशासन का निर्देश है कि ज़रुरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, राजनीतिक भागीदारी आदि क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, जैसे कि यौन उत्पीड़न और बाल विवाह, आज के समय में एक कारक है। लैंगिक असमानता भेदभाव या हिंसा का एक भयानक रूप है जो महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। महिलाओं को कम मजदूरी के लिए काम करने के लिए मजबूर किया जाता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि बिना पानी के कोई जीव जंतु जीवित नहीं रह सकता है। पानी के कई साधन है। लोग पी रहे है ,किसी का नल लगा है तो किसी के यहाँ आरओ का पानी मिल रहा है। अपनी क्षमता अनुसार लोग किसी न किसी जगह से पानी ला रहे है। पानी का उपयोग हर जगह होता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जल जीवन मिशन के तहत, प्रत्येक घर को जल पृष्ठ के लिए लगभग छह महीने तक इंतजार करना होगा। हालांकि लगभग नब्बे प्रतिशत कार का काम पूरा हो चुका है, लेकिन इस काम को पूरा होने में लगभग छह महीने लगने की उम्मीद है क्योंकि लास्ट लायन में प्रक्रिया चल रही है और जब हर घर योजना के तहत यह पानी चालू किया जाएगा, तो यह शुद्ध पानी जनता तक पहुंचेगा

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मजदूरों की स्थिति आज कल दयनीय हो गई है। इस भीषण गर्मी में मजदूरों को काम करना पड़ रहा है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मतलब सिर्फ़ शारीरिक हिंसा नहीं है। यह बहुत व्यापक है और इसमें यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दुर्व्यवहार शामिल हैं। राष्ट्रीय योजना महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा के दो मुख्य प्रकारों को लक्षित करती है - घरेलू और पारिवारिक हिंसा, और यौन उत्पीड़न।हिंसा की ऐसी घटनाएं जो ऐसे लोगों के बीच घटित होती हैं जिनके बीच अंतरंग संबंध हैं या थे। व्यवहार का एक सतत पैटर्न जिसका उद्देश्य भय के माध्यम से साथी को नियंत्रित करना है, उदाहरण के लिए हिंसक और धमकी भरा व्यवहार करना। ज़्यादातर मामलों में, हिंसक व्यवहार महिलाओं और उनके बच्चों पर शक्ति और नियंत्रण का प्रयोग करने की रणनीति का हिस्सा होता है, और यह आपराधिक और गैर-आपराधिक दोनों हो सकता है और धमकी या हिंसक व्यवहार में शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दुर्व्यवहार शामिल हो सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि हमारे समाज में महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि अगर महिलाओं को औद्योगिक क्षेत्र में देखा जाता है तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम वेतन दिया जाता है। जब हिंसा की बात आती है, तब भी महिलाओं को दहेज और बाल विवाह का सामना करना पड़ता है, इसलिए महिलाओं को लैंगिक असमानता से बचाया जाना चाहिए।

Transcript Unavailable.