आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे एसएचजी यानि की स्वयं सहायता समुह से जुड़ने के क्या फायदे हैं और इससे जुड़ कर कैसे आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

सब्जियों की खेती में युवा किसान की किस्मत बदल गई है । कम लागत वाले क्षेत्रों के लाभ के बारे में युवा किसान ललित कुमार ने बताया है । हम धान की खेती करते थे , जिसमें हमें कोई फायदा नहीं होता था , फिर हम अलग - अलग फसलों की ओर चले गए , जिससे सालाना इतने लाख रुपये कमाते थे । हम गेहूं आदि की खेती करते थे , जिसमें हमें कोई फायदा नहीं होता था , फिर हम अलग - अलग फसलों की ओर चले गए , जिसमें हमें सब्जियों की खेती के बारे में पता चला , जिसके बाद हमने पत्तागोभी को बगीचे में बंद कर दिया । इस बार हमने लगभग चार बीघा में पत्तागोभी , फूलगोभी , शिमला मिर्च की खेती की है , जिसकी कीमत लगभग दस से पंद्रह हजार रुपये प्रति बीघा है । क्योंकि बीज लगाने , पानी लेने आदि में पैसा खर्च होता है और लाभ नहीं होता है । एक फसल पर दो से ढाई लाख रुपये तक क्योंकि इस खेती में लागत का लाभ अधिक होता है , फसल कैसे तैयार की जाती है किसान ने बताया कि वह पहले से तैयार किए गए सब्जी के पौधों को हर एक मीटर पर समतल करके अपने खेतों को तैयार कर रहा है । कुछ दूरी पर , वे समय बिताते हैं और जब फसल एक महीने से अधिक पुरानी हो जाती है तो हल करते हैं , फिर वे इसे वजन के अनुसार काटते हैं और चींटियों को बेच देते हैं ।

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उद्यमिता में नवाचार को बढ़ावा से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

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इसके बरक्स एक और सवल उठता है कि क्या सरकारें चाहती हैं कि वह लोगों का खाने-पीने और पहनने सहित सामान्य जीवन के तौर तरीकों को भी तय करें? या फिर इस व्यवसाय को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किये जा रहे हैं। सरकार ने इस आदेश को जारी करते हुए इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया कि उसके एक आदेश से कितने लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा

सचिन कुमार‌ को व्यवसाय करने के लिए पैसे की ज़रूरत है।‌

बस्ती जिले की रीना गौड़ ने बताया की मेरे मोमबत्ती का विजनेस है। ऐसे में कारोबार आवश्यकता के लिए पैसों की आवश्यकता है।