उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 49 वर्षीय राकेश श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं को अपने मायके में जमीन लेने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहले तो लड़की के भाई और चाचा ही उसे अधिकार देने से मना करते हैं। इसके बाद माहिलाओं को जमीन रजिस्ट्री के समय भी कई तरह की समस्यायें होती हैं। इसे ठीक करने के लिए महिलाओं के नाम जमीन रजिस्ट्री कर देना चाहिए। इससे खतौनी में भी उसका नाम आ जायेगा। इससे ये प्रक्रिया आसान हो जायेगी

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि कई लोगों की राय है कि महिलाओं को मायके में कोई हक नहीं दिया जाना चाहिए। इससे भाई बहन में विवाद होगा। ऐसी स्थिति में चाहिए की लड़की की शादी जहाँ हुई है। उसे वही पर जमीन दिया जाना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती जिला से हमारे संवाददाता रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से साक्षात्कार लिया जिसमें वो कहती हैं कि जैसे की बेटे का हिस्सा होता है वैसे बेटियों का भी हिस्सा होना चाहिए। बेटा और बेटी में कोई भेद किये बिना उन्हें उनका अधिकार अवश्य देना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से संवाददाता रमजान अली कहते हैं कि उन्होंने महिला अधिकार के बारे में जब लोगों से बातचीत की तो उनमे से एक महिला ने कहा की भाई के बराबर ही बहन को भी हिस्सा मिलना चाहिए। मुझे तो मायके में जमीन मिला भी है। इसलिए अच्छा होगा की सभी महिलाओं को माता पिता की संपत्ति में हक दिया जाये

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से संवाददाता रमजान अली कहते हैं कि उन्होंने महिला अधिकार के बारे में जब लोगों से बातचीत की तो लोगों का कहना है कि महिलाओं को अधिकार दिया जाना अच्छा है। लेकिन पिता की सम्पति में महिलाओं को अगर बराबर का हक दिया गया तो महिला का अपने मायके वालों से विवाद होगा। इसलिए बेहतर होगा की महिला की शादी जिस घर में हुई है। उसे वहीं पर हक अधिकार मिले

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से संवाददाता रमजान अली ने नाजमा खातून से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी की पुरुषों को जमीन जायदाद में हक मिलता है। वैसे ही महिलाओं को भी हिस्सा मिलना चाहिए।

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से संवाददाता रमजान अली कहते हैं कि लोगों की राय है कि अगर पिता की सम्पति में महिलाओं को अगर बराबर का हक देने का मतलब है महिला का अपने मायके वालों से विवाद होना। इसलिए बेहतर होगा की महिला की शादी जिस घर में हुई है। उसे वहीं पर हक अधिकार मिले

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से 40 वर्षीय बशीर अहमद कहते हैं कि माता पिता की सम्पति में महिलाओं का भी हक़ बनता है। शादी होने के बाद वो अपने घर चली जाती है। लेकिन किसी कारण से अगर महिला अपने ससुराल में नहीं रह पाती है,तो वो अपने मायके लौट आती है। ऐसी परिस्थिति में महिलाओं को अपने देख - भाल के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। उनके माता पिता की संपत्ति में कुछ न कुछ हिस्सा मिलने पर वो अपना ध्यान रख सकती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से संवाददाता रमजान अली कहते हैं कि महिलाओं को जमीन पर हक मायके में नहीं ले कर के ससुराल में लेना चाहिए। इससे महिला के मायके के संबन्धों में कोई खटास नहीं आएगी। कुछ लोगों का यह भी मानना है की महिलाओं को पुरुषों के समान ही जमीन और संपत्ति में अधिकार दिया जाना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से संवाददाता रमजान अली ने कौशेली से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी की जैसे पुरुषों को जमीन जायदाद में हक मिलता है। वैसे ही महिलाओं को भी हिस्सा मिलना चाहिए। महिलायें घर को संभालती हैं इसलिए कोई भेदभाव किये बिना उन्हें भी हक मिलना चाहिए