मनुष्य ही जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है। मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का अधिक उपयोग कर रहा है और धड़ल्ले से वनों की कटाई हो रही है
उच्च तापमान के कारण सभी स्कूल बंद है। सरकार ने 28 जून तक बंद करने का आदेश है। भीषण गर्मी को देखते हुए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वर्षा की कमी का सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है।वर्षा न होने का कारण खेतों में परली का जलाना है। आजकल खेतों में होने वाली फसलों की कटाई संयुक्त मशीनों से की जाती है, चाहे वह धान की फसल हो या गेहूं की फसल। इन दोनों फसलों की कटाई कंबाइन मशीनों द्वारा की जाती है। कंबाइन मशीन अनाज को निकालती है और डंठल को खड़े खेतों में छोड़ देती है, इसलिए किसान इसे खेतों में जलाते हैं।उस फसल को जलाने से पृथ्वी पर सभी जीव मर जाते हैं जो वर्षा को प्रभावित करते है। पहले जब कंबाइन मशीन से फसल की कटाई नहीं होती थी, जब लोग हाथ से काटते थे, तो ऐसा नहीं होता था। उस समय वर्षा की समस्या नहीं होती थी।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं को अक्सर शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में भेदभाव का सामना करना पड़ता है । असमानता महिलाओं को विकास करने से रोकता है। भेदभाव महिलाओं को शिक्षित होने नहीं देता है। लैंगिक असमानता महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचता है और महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा करता है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से सकीना बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भीषण गर्मी का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में पारा 50 डिग्री के पार चला गया है। बढ़ते तापमान पर एक रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल, पृथ्वी पर लोगों को जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी में औसतन छब्बीस दिन बिताने पड़े थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जलवायु परिवर्तन नहीं हुआ होता, तो यह स्थिति नहीं होती।
दुबौलिया ब्लाक क्षेत्र के पूरे ओरी राय ग्राम पंचायत के पोखरा तालाब से टेढवा जाने वाले सम्पर्क मार्ग पर तीन माह पूर्व जिला पंचायत कोटे से 250 मीटर आरसीसी सड़क का निर्माण कराया गया था। लेकिन मौजूदा समय में सड़क जगह जगह उखड़ने लगी है।ऐसे में सड़क निर्माण की भ्रष्टाचार की पोल भी खुल रही है।इस की शिकायत पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रवीन कुमार ने उच्च अधिकारियों को की है। पूरे ओरी राय ग्राम पंचायत के पोखरा तालाब से टेढवा जाने वाले सम्पर्क मार्ग पर करीब उन्नीस लाख की लागत से ढाई सौ मीटर लम्बी आरसीसी सड़क का निर्माण कार्य फरवरी माह वर्ष 2024 में कराया गया था। निर्माण कार्य करते समय ही ग्रामीणों ने आरसीसी सड़क निर्माण मे घटिया समाग्री के प्रयोग को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया था। जिस पर उच्च अधिकारियों ने गुणवत्ता पूर्ण सड़क निर्माण की बात कही गई थी। लेकिन निर्माण कार्य के तीन माह बाद ही सड़क की गिट्टी जगह जगह उखड़ने लगी है। ऐसे में सड़क निर्माण में घटिया समाग्री के उपयोग की भ्रष्टाचार की पोल खुल गया है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रवीन कुमार ने इस की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है।उन्हो ने कहा की सड़क की गुणवत्ता क जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं और सड़क निर्माण कार्य फिर से कराया जाए।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि समाज के समग्र विकास के लिए लैंगिक समानता बहुत महत्वपूर्ण है। लोग और सरकार कहते है कि विकास में स्त्री और पुरुष साथ मिलकर काम करेंगे लेकिन वास्तविकता में महिलाओं के साथ भेदभाव हो रहा है। क्योंकि भारतीय समाज पितृसत्ता है ,जिसमे महिलाओं का योगदान पुरुषों के बीच नहीं रहता है। हर बात पर निर्णय लेने का अधिकार पुरुष को ही रहता है। महिलाएँ केवल घरेलु कार्य तक ही सीमित रहती है और यह अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में नज़र आता है
दुबौलिया ब्लाक क्षेत्र के पूरे ओरी राय ग्राम पंचायत के पोखरा तालाब से टेढवा जाने वाले सम्पर्क मार्ग पर तीन माह पूर्व जिला पंचायत कोटे से 250 मीटर आरसीसी सड़क का निर्माण कराया गया था। लेकिन मौजूदा समय में सड़क जगह जगह उखड़ने लगी है।ऐसे में सड़क निर्माण की भ्रष्टाचार की पोल भी खुल रही है।पूरे ओरी राय ग्राम पंचायत के पोखरा तालाब से टेढवा जाने वाले सम्पर्क मार्ग पर करीब उन्नीस लाख की लागत से ढाई सौ मीटर लम्बी आरसीसी सड़क का निर्माण कार्य फरवरी माह वर्ष 2024 में कराया गया था। निर्माण कार्य करते समय ही ग्रामीणों ने आरसीसी सड़क निर्माण मे घटिया समाग्री के प्रयोग को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया था। जिस पर उच्च अधिकारियों ने गुणवत्ता पूर्ण सड़क निर्माण की बात कही गई थी। लेकिन निर्माण कार्य के तीन माह बाद ही सड़क की गिट्टी जगह जगह उखड़ने लगी है। ऐसे में सड़क निर्माण में घटिया समाग्री के उपयोग की भ्रष्टाचार की पोल खुल गया है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि महिलाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि घर पर छियासठ प्रतिशत काम महिलाओं द्वारा किया जाता है और पचास प्रतिशत काम पुरुषों द्वारा किया जाता है।इन महिलाओं को घर पर पांच से छह घंटे काम करना पड़ता है, जिसके बाद वे काम पर निकल जाती हैं। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जबकि पुरुष केवल बाहरी काम करके आराम करते हैं, लेकिन महिलाएं ऐसा नहीं करती हैं।
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