उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बाबू धीरेन्द्र से बात कर रहे है। ये बताते है कि इनके गाँव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क की स्थिति बहुत ख़राब है। ग्राम के प्रधान इस पर ध्यान नहीं दे रहे है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि सदियों से महिलाओं का नाम और पहचान गायब हो रही है, यह आज कोई नई बात नहीं है। सभी महिलाओं ने हमेशा अपने परिवार की जिम्मेदारी और इस तथ्य के कारण अपना जीवन जिया है कि उन्हें शुरू से ही बताया जाता है कि उनके परिवार में प्रमुख शक्ति उनके पति हैं। कहा जाता है कि जहाँ नारी का सम्मान होता है वहां देवता वास करते है। पर अभी कितना हद तक नारी का सम्मान हो रहा है ,यह किसी से छुपा नहीं है। , महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रखंड सावघाट अंतर्गत ग्राम पंचायत दसौती में सड़कें खोद कर छोड़ दिया गया है। गांव में जल मिशन के तहत पाइप बिछाने का कार्य किया जा रहा था। लेकिन पाइप बिछाने के बाद गड्ढों को ऐसे ही खुला छोड़ दिया गया है, जिससे किसी भी समय हादसा होने की सम्भावना बनी रहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि शिक्षित लोग भी समाज में कुरीतियों को बढ़ावा देते हैं। ये जानते हुए भी दहेज़ प्रथा, व लैंगिक भेदभाव का साथ देते है। साथ ही उन्होंने कहा कि लड़के और लड़कियों को एक समान अधिकार मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि भारत को पुरुष प्रधान देश माना गया है। समाज में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब मानी जाती है। इसके तहत महिलाओं की शक्ति और अधिकार पुरुषों के तुलना में न के बराबर होता हैं। इसकी तुलना में, पुरुषों को एक ऐसे समाज में महिलाओं की तुलना में आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अधिक श्रेष्ठता दी गई है। ऐसे समाज में महिलाओं को स्वतंत्र रूप से रहने और निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, जिसके कारण महिलाएं समाज में प्रगति नहीं कर पाती हैं। एक पितृसत्तात्मक समाज महिलाओं के खिलाफ असमानता और भेदभाव को कायम रखता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र नहीं होती हैं। महिलाओं की पहचान गायब होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाओं को अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिल पाता है।

इन दोनों डायरिया के मरीज़ बढ़ रहे है। गर्मी में जल्दी खाना ख़राब हो रहा है। इसके सेवन से लोग डायरिया के शिकार हो रहे है। गर्मी के मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए

झुलसा देने वाली गर्मी में दिहाड़ी मजदूरों की परेशानियां बढ़ गई हैं यह मजदूर तेज धूप में मजदूरी करने को विवश हैं मजदूर अपनी लाचारी और बेबी के कारण तेज धूप हुआ उमस भरी गर्मी में काम कर रहे हैं जिससे शाम को 2 जून की रोटी का सहारा हो सके।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मजदूरों की स्थिति आज कल दयनीय हो गई है। क्योकि उनका दैनिक मजदूरी कम होने की वजह से वे अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से नहीं कर पाते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दहेज़ प्रथा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है ।जिससे घर में लड़की है ,उनके लिए दहेज़ इक्कठा करने में मुश्किल होता है। बच्चियों को पढ़ा तो रहे है पर समस्या आ रही है दहेज़ पर। देहज प्रथा के प्रति अब लोगों को जागरूक होना ज़रूरी है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाएँ अपने नाम से नहीं जानी जाती है ।महिलाओं को सम्मान भी नहीं मिलता है। भ्रूण में ही महिलाओं को पनपने नहीं दिया जाता है। पैसा के दम पर लिंग जाँच करवा कर लड़कियों को मार दिया जाता है। अगर किसी कारण लड़की का जन्म होता है तो माता और बच्ची दोनों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है।