दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत वकील हसन से हुई वकील हसन उत्तराखंड के उत्तरकाशी के टनल में से 41 मजदूरों को बचाने वाले योद्धा डीडीए द्वारा मकान तोड़े जाने के खिलाफ 28 फरवरी से धरने पर बैठे हुए हैं सांसद मनोज तिवारी बराबर आश्वासन तो दे रहे हैं मगर अभी तक ना तो मकान मिला है ना ही उनका कोई रहने की परमानेंट जगह दी गई है

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दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी का माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत वकील हसन से हुई वकील हसन बताते हैं उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 27 घंटे में हमने निकाला था दुनिया की सभी मशीन फेल हो गई थी मगर आज हमारा ही मकान डीडीए द्वारा तोड़ दिया गया हम एक सप्ताह से धरने पर बैठे हुए हैं और अगर हमारी आज रात तक मांग पूरी नहीं की गई कल से हम बुक हड़ताल करेंगे

रेट माइनर वकील हसन बता रहें हैं कि डीडीए द्धारा उनका मकान गिरा दिया गया है सभी श्रोताओं से उम्मीद की हमारी मदद की जाए

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किसान मजदूर एकता भाईचारा जागरूकता अभियान के तहत मांगों को सरकार को पूरा करना ही होगा

CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

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देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।