दिल्ली एनसीआर कापसहेड़ा से नन्द किशोर और इनके साथ कुछ श्रमिक भाई है वे साझा मंच के माध्यम से बताते हैं, कि इनके क्षेत्र में सरकार द्वारा लागु की गई मनरेगा योजना का लाभ जनता को नहीं मिलता है। कई लोगों को इसके बारे में जानकारी भी नहीं रहती है जिसके कारण मज़बूरी में लोगों को अपने गांव को छोड़ कर शहर की ओर रुख करना पड़ता है। अतः मजदूरों के लिए सरकार उनके क्षेत्र में ही फैक्ट्री का निर्माण करे ताकि उन्हें अपने गांव में ही रह कर काम मिल जाए।
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मनरेगा के अन्तर्गत गांव में तरह स्किल डेवलपमेंट के काम को शामिल करना जरूरी है जिससे लोंगो का जीकोपार्जन का भी साधन पैदा किया जा सके और इस परियोजना में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना और ज़रूरत के अनुसार योजना बनाना।
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उत्तर प्रदेश राज्य के कुषीनगर से वेद प्रकाश साझा मंच के माध्यम से बताते है कि इनके गाँव के ग्रामप्रधान के द्वारा मजदूरों को मनरेगा का पूरा पैसा नहीं दिया जाता है
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जी आपको बताना चाहेंगे यदि मजदूरों को समय पर भुगतान प्रदान नहीं किया जा रहा है | तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं |यदि आप महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में बरती जा रही लापरवाही , अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं | तो आप यहां बताए जा रहे हैं | आसान से स्टेप्स को फॉलो करके बड़ी आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको मनरेगा विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा उसके बाद आपको अपने राज्य पर क्लिक करना होगा। फॉर्म में आपको शिकायतकर्ता का वर्ग , शिकायतकर्ता का स्रोत , राज्य , जनपद , विकास खंड , पंचायत , शिकायतकर्ता का नाम , पिता / पति का नाम , शिकायतकर्ता का पता , ईमेल ID , मोबाइल नंबर आदि भरना होगा | फार्म के दूसरे भाग में आपको शिकायत का विवरण और स्थान की जानकारी देनी होगी | यहां पर आपको शिकायत किसके खिलाफ , राज्य और जनपद का चयन करना होगा | फार्म के तीसरे और आखिरी भाग में आपको शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायत को साबित करने के लिए सबूत का विवरण देना होगा | शिकायत दर्ज करने के बाद आपको एक शिकायत नंबर भी प्रदान कर दिया जाएगा | जिसके माध्यम से आप कभी भी अपनी शिकायत की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
March 21, 2019, 7:41 p.m. | Tags: int-PAJ
दिल्ली एन.सी.आर के कापसहेड़ा से पुजारी तिवारी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि मनरेगा के तहत 100 दिन का ही रोज़गार दिया जाता हैं। अगर मनरेगा के तहत ज़्यादा दिन का रोज़गार मिले मज़दूरों को एवं भुगतान सही से किया जाए तो ज़्यादा फ़ायदेमंद होगा। अगर मनरेगा के तहत पशुपालन जैसे कार्य भी हो तो लोग लाभान्वित होंगे।
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हमारे एक श्रोता बलराम चौधरी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उनके उनके पंचायत में गरीब तबके के लोग के पास बी.पी.एल कार्ड नहीं जबकि बाकि अन्य संपन्न लोग बी.पी.एल कार्डधारक हैं। मनरेगा भारत सरकार की अच्छी पहल हैं पर इसमें मज़दूरी दर बहुत ही कम हैं। कम मज़दूरी से गरीब तबके ले लोगों का उत्थान नहीं हो सकता। जिस प्रकार महंगाई बढ़ रही हैं उसी प्रकार से मज़दूरी भी मिलनी चाहिए। ताकि निम्न वर्ग के मज़दूर अपना परिवार का भरण-पोषण कर सके और बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करा सके। देखा जा रहा हैं कि मनरेगा योजना निम्न वर्ग के मज़दूरों के लिए लाभकारी साबित नहीं हो रही हैं। इसके तहत काम करने वालों मज़दूरों को सही समय पर मज़दूरी नहीं मिलती हैं। यहाँ तक कि घूसखोरी जैसी मुद्दे के कारण लाभ कोई और उठा ले जाता हैं। बलराम के अनुसार यह योजना लाभकारी तभी साबित होगी जब इसकी कुछ त्रुटियों को प्रशासन दूर करने का प्रयास करेंगे
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आपको बता दें कि प्रतिवर्ष नया जॉब कार्ड बनाया जाता है।इसके लिए ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्य, ग्राम पंचायत के पास एक तस्वीर के साथ अपना नाम, उम्र और पता जमा करते हैं। जांच के बाद पंचायत, घरों को पंजीकृत करता है और एक जॉब कार्ड प्रदान करता है। जॉब कार्ड में, पंजीकृत वयस्क सदस्य का ब्यौरा और उसकी फोटो शामिल होती है। एक पंजीकृत व्यक्ति, या तो पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी को लिखित रूप से काम करने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। इस अधिनियम के तहत पुरुषों और महिलाओं समान वेतन भुगतान किया जाना चाहिए। स्थानीय ग्राम पंचायत अधिकारी को पंजीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है।सत्यापन के बाद, ग्राम पंचायत पंजीकरण रजिस्टर में सभी विवरण दर्ज करती है। प्रत्येक पंजीकृत घर को एक अद्वितीय पंजीकरण संख्या प्रदान की जाती है।
March 21, 2019, 7:26 p.m. | Tags: MNREGA int-PAJ