माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
"आपका पैसा आपकी ताकत" कार्यक्रम के अंतर्गत आज की कड़ी में हम जानेंगे, इस कार्यक्रम को सुनकर उनको क्या लाभ मिला। आइए सुनते हैं श्रोताओं के अनुभव ।
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कड़ी संख्या-216; रोजगार समाचार - भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सीनियर रेजिडेंट के पदों पर रिक्तियाँ
यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा निकाली गयी सीनियर रेजिडेंट के पदों पर काम करने के लिए इक्छुक हैं इन पदों पर कुल 76 रिक्तियां निकाली गई हैं इन पदों पर वेतनमान 67,700 से 70,000 रुपए प्रति माह रहेगा।जिन उम्मीदवारों ने डीएनबी/एमडीएस/एमडी/एमएस में अपनी शैक्षणिक योग्यता पूरी कर ली है, वे इस भर्ती अधिसूचना के लिए आवेदन कर सकते हैं।इन पदों पर आवेदन करने के लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 50 वर्ष रखी गई हैं।हालांकि, महिलाओं/ओबीसी/एससी/एसटी/शारीरिक रूप से विकलांग (पीएच) उम्मीदवारों के लिए आयु में नियमानुसार छूट दी जाएगी ।इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन शुल्क सामान्य/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए: रु.1,500/ तथा एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए: रु.1,200/-रखा गया है।अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार इस वेबसाइट में जाकर जानकारी ले सकते हैं वेबसाइट है - www.aiimspatna.edu.in .
यह एपिसोड बदलते मौसम और असामान्य बारिश के कारण कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की व्यापक चर्चा करता है। फसल उत्पादन, मिट्टी की गुणवत्ता, पानी प्रबंधन और किसानों की आजीविका पर पड़ने वाले असर का विस्तृत विवरण दिया गया है। साथ ही, इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों द्वारा अपनाए जा रहे समाधानों और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।
दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
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ये रेशम का धागा नहीं बहन का प्यार है यही तो खट्टे-मीठे रिश्तों की तकरार हैं भाई की कलाई की शोभा जिससे होती है वो और कुछ नहीं रक्षा बंधन का त्यौहार है नमस्कार /आदाब, दोस्तों ,सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है, रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के लिए बेहद ही खास दिन होता है। भाई की कलाई पर राखी बांधना बहन की ओर से स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है, और परिणामस्वरूप, भाई उसकी रक्षा करने का वचन देता है। भाई अक्सर अपनी बहनों को पैसे या उपहार देकर उनके प्रति अपना प्यार दिखाते हैं। रक्षाबंधन का पर्व न सिर्फ भाई -बहन के प्यार को दर्शाता है बल्कि यह पर्व पारिवारिक सुरक्षा का प्रतिक भी है साथ ही यह पर्व एकजुटता और जिम्मेदारी की भावना की सराहना करता है। श्रोताओ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को भाई-बहन की पावन पर्व रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं !