बिहार राज्य के मुंगेर जिला के हवेली खड़कपुर से गोरेलाल मंडल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जल को संरक्षित करना बहुत जरूरी है। जल संरक्षण करने से मनुष्य को दिक्कत नहीं होगा। जिनके पास जितनी जमीन हो उसमे तटबन्ध बनाकर जल संरक्षण करने की कोशिस करनी चाहिए

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के हवेली प्रखंड से गोरेलाल मंडल ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में मुग़ल और अंग्रेजों के आने से पहले गांव में जल संचयन के लिए सामूहिक प्रयास किया जाता था। ग्रामीण बड़े - बड़े तटबंध तैयार करते थे। बाद में सरकार मदद करती थी। धीरे - धीरे यह प्रयास लुप्त होता गया और हम सरकार पर निर्भर होते चले गए। आपदा प्रबंधन के लिए जापान में पहले से ही तैयारी कर ली जाती है। भारत आपदा प्रबंधन के मामले में अभी बहुत पीछे है

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर से गोरेलाल मंडल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पानी को बर्बाद नही करना चाहिए। उपयोग के बाद नल का टैब बंद कर देना चाहिए। सार्वजानिक जगहों पर आय दिन पानी की बर्बादी देखने को मिलती है। शिक्षित और अशिक्षित दोनों प्रकार के लोग पानी की बर्बादी करते हैं। पानी ऐसे ही बर्बाद होता रहा तो, इसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

बिहार राज्य के मुंगेर जिला से गोरेलाल मंडल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बरसात के पानी का जल संरक्षण कर के किसानों को लाभ उठाना चाहिए। पिने का पानी साफ़ रखना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में पहले नदी और नहर के पानी को बांध कर के रखा जाता था। बाद में किसान इस पानी से सिंचाई करते थे।अब किसान तकलीफ उठा लेते हैं,मगर पानी जमा करने के बारे में नही सोचते हैं । मनरेगा में जन प्रतिनिधि अपने तरीके से काम करवाते हैं और अपने लोगों को ही सिंचाई की सुविधा देते हैं। बाकि लोगों को सिंचाई करने नही मिलता है

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.

दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

बिहार राज्य के मुंगेर जिल से गोरेलाल मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की इस धरती पर अगर जल नहीं रहेगा , तो जीवन भी नहीं होगा और न ही हरयाली भी होगी। वृक्ष लगाना बहुत जरुरीं है मनुष्य के लिए। एक आदमी कम से कम 10 पौध लगाएगा तभी लाभ मिल पायेगा और हम जलवायु परिवर्तन पर नियंतत्रण कर पाएंगे

पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?