बिहार राज्य के मुंगेर जिला के शेरपुर से अभिलेश कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानना चाहते हैं कि कोरोना का तीसरा टीकाकरण कब मिलेगा ?

बिहार राज्य के मुंगेर जिला के शेरपुर से प्रीति कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने कोविड टीका का दोनों डोज़ ले लिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि वे बूस्टर डोज़ लेना चाहती है और जानना चाहती हैं कि बूस्टर डोज़ कब मिलेगा ?

बिहार राज्य के जिला मुंगेर के शेरपुर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से मंगल मंडल से साक्षात्कार लिए है। जिसमें उनका कहना है कि अस्पताल में पानी की सुविधा नहीं है जिसकारण उन्हें बाहर से पानी खरीद कर ले जाना पड़ता है

बिहार राज्य के शेरपुर से मोबाइल वाणी के माध्यम से बिपिन कुमार के साथ सोनी देवी ,उमेश नगर ग्राम से बता रही हैं कि इनके दो बच्चे शेरपुर विद्यालय में पढ़ते हैं। जहाँ मिड डे मिल के द्वारा सही से भोजन नहीं मिलता है। दाल पतला मिलता है ,सब्जी में मसाला नहीं रहता है और सब्जी-दाल थोड़ा मिलता है। इसके सम्बन्ध में प्रिंसिपल से बोलने पर प्रिंसिपल बोलते हैं कि जो भी हमें सरकार के द्वारा मिलता है वही तो बच्चो में दिया जायेगा। बता रही हैं की कोविड काल में बच्चो को चावल तो मिलता था लेकिन सब्जी और दाल का पैसा पूरा नहीं मिलता था ,जिससे बच्चे स्वस्थ नहीं रह पाते थे। सरकारी विद्यालय में सही से मिड डे मील बच्चो को नहीं मिलता है इसलिए कुपोषित होते जा रहें हैं

बिहार राज्य के शेरपुर से मोबाइल वाणी के माध्यम से बिपिन कुमार के साथ दुलारी देवी बता रही हैं कि इनके दो बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं। जहाँ मिड डे मील के द्वारा मिलने वाला भोजन सही से नहीं मिलता है। दाल और सब्जी पानी की तरह रहता है और थोड़ा सा बच्चो को दिया जाता है। इसके सम्बन्ध में प्रिंसिपल को बोलने पर प्रिंसिपल का कहना है की जो भी सरकार के द्वारा मिलता है ,हम वही बच्चो को खिला सकते हैं ,हम अपने घर से तो नहीं दे सकते हैं। मजदुर लोग अपने बच्चो को सरकारी स्कूल में इसलिए डालते हैं की कम से कम उनको एक समय का भोजन सही से तो मिल सके। लेकिन स्कूल में ना ही सही से पढ़ाई होती है और ना सही से भोजन मिल पता है। इस कारण से बच्चो कुपोषित होते जा रहें हैं।

बिहार राज्य के शेरपुर से मोबाइल वाणी के माध्यम से बिपिन कुमार के साथ सुलोचना देवी बता रही हैं कि इनका बेटा राजकीय माध्यमिक विद्यलय में पढ़ता है। जहाँ मिड डे मील योजना के द्वारा मिलने वाला भोजन सही से बच्चो को नहीं मिलता है। दाल और सब्जी पूरा पानी की तरह रहता है और उसमे कोई भी गुणवत्ता नहीं होता है। इसकी शिकायत टीचर से करने पर टीचर कहते हैं की जो भी सरकार के तरफ से मिलता है ,हम वही बच्चो को देते हैं क्योंकि हम अपने घर से तो नहीं दे पाएंगे। कोविड काल में बच्चो को सूखा राशन और उसका पैसा भी नहीं मिला था। विद्यालय में यदि बच्चो को सही से भोजन नहीं मिलेगा तो उनका स्वास्थ्य भी सही नहीं रहेगा और वो कुपोषित होते जायेंगे।

बिहार राज्य के शेरपुर से मोबाइल वाणी के माध्यम से बिपिन कुमार के साथ विणा देवी बता रही हैं कि इनका बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है। जहाँ मिड डे मील योजना के तहत बच्चो को सही ढंग से खाना नहीं मिलता है। इसकी शिकायत प्रिंसिपल और रसोईया से करने पर रसोईया का कहना है कि जो टीचर देंगे हम वही तो बनाएंगे, वही प्रिंसिपल इस सम्बन्ध पर कोई भी करवाई नहीं करते हैं। कोरोना काल में बच्चो को सूखा राशन और किसी तरह का राशि भी नहीं मिला। बता रही हैं कि मिड डे मील के तहत बच्चो को अंडा मिलना चाहियें लेकिन नारंगी और केला दे दिया जाता है। जबकि बच्चो को पोषण भोजन नहीं मिलेगा तो बच्चो का स्वास्थ्य सही नहीं रहेगा

बिहार राज्य के शेरपुर से मोबाइल वाणी के माध्यम से बिपिन कुमार के साथ अरविन्द कुमार बता रहें हैं की ये एक मजदुर हैं। और दो-तीन दिन पहले अपने मरीज को लेकर हॉस्पिटल गएँ थे जहाँ दवा खिलाने के लिए शुद्ध और स्वच्छ पानी नहीं मिला पानी तो था लेकिन गन्दा था। इसलिए पानी का बंद बोतल खरीद कर मरीज को दवा खिलाना पड़ा।

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