अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

Transcript Unavailable.

खगड़िया जिले के मानसी थाना क्षेत्र अंतर्गत एकानिया ढाला के पास देर शाम को हाईवे के धक्के से एक बाइक सवार प्राइवेट शिक्षक की दर्दनाक मौत हो गई मृतक की पहचान मानसी थाना क्षेत्र के जालिम बाबू टोला निवासी कल्याण कुमार उर्फ सामंत कुमार के रूप में हुई

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

धरहरा थाना क्षेत्र के जगदीशपुर में छात्रा के साथ छेड़खानी का विरोध करने के मामले में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई , जिसमें दोनों पक्षों से एक - एक लोग गंभीर रूप से घायल हुआ । बताया जाता है कि जिस छात्र के साथ छेड़खानी करने के मामले में मारपीट हुई है उसी छात्रों के द्वारा बार - बार विद्यालय की गरिमा को तार - तार किया जाता रहा है । विगत वर्ष 9 सितंबर को संबंधित छात्र विद्यालय के परिसर में सिंगरेट पीते देखें गए थे जिसके विद्यालय की एक शिक्षिका ने जब उसे डांटा तो उक्त छात्र ने पलटवार में शिक्षिका को खरी-खोटी सुना दिया था । बात इतनी बढ़ गई कि मामला धरहरा थाना तक पहुंच गया , जिसके बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने उक्त छात्र के परिजनों को बुलाकर मामले से अवगत कराया तथा बौंड भरवाकर मामले को शांत करवाया गया था । वहीं बता दें कि इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय धरहरा में आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांव से छात्र - छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं किन्तु कुछ छात्रों की उदंडता की वजह से छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है । हालांकि विद्यालय के शिक्षक सभी बातों से अवगत हैं किन्तु बच्चों की उदंडता के आगे बेवश व लाचार बने हुए हैं ।

धरहरा प्रखंड के मध्य विद्यालय कुमारपुर में मध्य विद्यालय खरांट के प्रधानाध्यापक उदय कुमार सिंह का विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । मौके पर प्रधानाध्यापक राजू प्रसाद , सुधांशु कुमार , संजीव कुमार , सुबोध कुमार , हिमांशु कुमार , रंजीत कुमार , निरंजन तिवारी , शशिकांत , कमलेश्वरी प्रसाद सहित अन्य शिक्षक - शिक्षिकाएं मुख्य रूप से उपस्थित थे । शिक्षको ने प्रधानाध्यापक को फूलमाला पहनाकर एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया । सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ने भावुक स्वर में कहा कि एक उम्र के बाद सेवानिवृत्ति जरूरी है । उन्होंने शिक्षकों से कहा कि विभागीय आदेश तथा समय का पालन के साथ - साथ बच्चों को बेहतर बनाना ही एक उत्तम शिक्षक का दायित्व है जिसका अनुपालन करना हमारी जिम्मेदारी जिम्मेदारी है । हम अपने दायित्व का निर्वहन भली-भांति करेंगे तो हमारे विद्यालय के बच्चे भी शिष्टाचार से युक्त रहेंगे । बच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं इसलिए शिक्षक ईमानदारी पूर्वक इनके भविष्य को संवारने में अपना योगदान दे ।

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.