आदिवासी विकासखंडों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने भारत दर्शन कार्यक्रम में बढ़ाया जिले का गौरव शासन की नेतृत्व विकास योजना के अंतर्गत चयनित विद्यार्थियों की दिल्ली की सफल शैक्षणिक यात्रा संपन्न छिन्दवाड़ा के 13 मेधावी विद्यार्थियों ने इस वर्ष न सिर्फ परीक्षा परिणामों में अपना लोहा मनवाया, बल्कि अपनी मेहनत और लगन के दम पर देश के चुनिंदा बच्चों में जगह बनाते हुए नेतृत्व विकास शिविर एवं शैक्षणिक भारत दर्शन कार्यक्रम के जरिए नई दुनिया को करीब से देखने का मौका भी पाया।
Transcript Unavailable.
शासकीय पी.एम. श्री कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय चाँद में मंगलवार को टीचर्स वेलफेयर सोसायटी चाँद द्वारा छात्राओं को गर्म स्वेटर वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी. एस. बघेल रहे, जबकि अध्यक्षता नगर परिषद चाँद के अध्यक्ष ठाकुर दानसिंह पटेल ने की। इस अवसर पर सोसायटी द्वारा शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए मुख्य अतिथि डीईओ श्री बघेल को "गुरु वशिष्ठ सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया।डीईओ श्री बघेल ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि “शिक्षा में क्रमित और सतत मेहनत ही आपके सपनों को पंख लगाकर आपको मंज़िल प्रदान करती है।” उन्होंने जिले में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों का उल्लेख करते हुए टीचर्स वेलफेयर सोसायटी के सामाजिक कार्यों की सराहना की।
आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।
बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?
मप्र शासन की निशुल्क साईकिल वितरण योजना के तहत नगर स्थित शास सांदीपनि बालक माध्य शाला के साइकिल वितरण कार्यक्रम में भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष विधायक पं रमेश दुबे जी शामिल हुए ।पूर्व विधायक श्री दुबे ने नपा अध्यक्ष पूर्णिमा शरद जैन, नपा उपाध्यक्ष सिरपत नायक, नपा सभापति महेंद्र वर्मा, पार्षद अर्जुन रघुवंशी समेत भाजपा नेताओं द्वारा शाला अंतर्गत कक्षा 6-8 वीं के 34 छात्र छात्राओं को साइकिल प्रदान की गई ।पूर्व विधायक श्री दुबे ने विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते कहा कि सरकार की यह योजना विद्यार्थियों के हित और शिक्षा को बढ़ावा देने की है योजना से विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिल रहा है बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पूरे देश में अपने समाज ग्राम जिले एवं प्रदेश का नाम रोशन करे ।
नमस्कार, आदाब दोस्तों ! स्वागत है आपका मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों, हर माता-पिता को अपने बच्चों से पढ़ लिखकर कुछ अच्छा करने की उम्मीद होती है तभी तो किसी ने अपनी कलम से यह लाइन खूब लिखी है की पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा, बेटा हमारा ऐसा काम करेगा, मगर ये तो कोई न जाने के मेरी मंजिल है कहाँ ...........और सही मायने में ज़िन्दगी मंजिल तो हर किसी का अलग अलग होता है पर आज के समय में माता पिता ज़िन्दगी के दौड़ में हर बच्चे का मंजिल एक ही बनाना चाहते है। आज की जेनेरशन के भी माता -पिता अपने बच्चों के ऊपर एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दबाव तो डालते ही हैं पर गौर करने वाली बात तो यह है कि इन सब के बीच बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हम भूल जाते है। तो चलिए आज की कड़ी में जानते है कि साथियों बच्चें देश के भविष्य होते हैं और बच्चों के भविष्य से ही देश की भविष्य की कल्पना की जाती है ऐसे में उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए, सुनते है आज की कड़ी।.....साथियों, अभी आपने सुना कि कैसे बच्चों पर शैक्षणिक दबाव का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य का प्रभावित करता है और इससे कैसे निपटा जा सकता है। अब अगली कड़ी में सुनेंगे की आखिर कभी कभी पुरुषों के लिए भी रोना क्यों जरुरी हो जाता है। लेकिन तब तक आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
Transcript Unavailable.
मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां , तो आइये, आज की कड़ी में सुनेंगे बुलिंग यानि कि ताकत दिखाके बदमाशी करना क्या होता है और इसका पहचान कैसे किया जाये साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए क्या किया जा सकता है इस बारे में । हां तो साथियों, बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता है। हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है. क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि समाज में बुलिंग जैसी समस्या उत्पन्न होती है और क्यों लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? बुलिंग से जूझने में माता पिता की क्या भूमिका हो सकती है ? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
एनसीसी कैडेट्स ने सिकल सेल से जागरूक करने अभियान चलाया रामाकोना - शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामाकोना के एनसीसी कैडेट्स ने थैलेसीमिया सिकल सेल के प्रति लोगों को जागरूक करने रैली निकाली। यह रैली 24 एमपी बटालियन छिंदवाड़ा के अंतर्गत निकाली गई, जिसमें 41 कैडेट्स शामिल हुए। कैडेट्स ने थैलेसीमिया और सिकल सेल से बचाव और उसके इलाज के बारे में जानकारी दी। कैडेट्स ने बताया कि सिकल सेल और थैलेसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसका बचाव इसके जांच से ही सकता है। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य आर डी भकने, एनसीसी ऑफिसर विश्वेश्वर रंगारे एवं आदि उपस्थित थे। रामाकोना ग्राम में में एनसीसी कैडेट्स ने जागरुकता अभियान चलाया। इस दौरान कैडेट्स ने बीमारी से संबंधित पोस्टर और बैनर के माध्यम से लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।
