मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला से प्रांजलि ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन पर कविता प्रस्तुत किया " यूँ ही न सहेज कर रख लो इस प्रकृति को"

मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला से इंदिरा मोबाइल वाणी के माध्यम से जल वायु परिवर्तन के बारे में यह कहती हैं कि आज हमारे देश में इंसानों द्वारा जगह जगह पर कूड़े कचड़े फैलाए जा रहे हैं। जिसके चलते जल और वायु में जहरीला परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने बताया कि कभी कभी ऐसा भी हो रहा है कि अचानक से बिना मौसम के बारिश हो जाना और गर्मी होना। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को खेती करने के समय जब बारिश नहीं होती है, तो बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है

मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला से रुपाली मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि जल वायु परिवर्तन के बारे में यह कहती हैं कि आज हमारे देश में इंसानों द्वारा जगह जगह पर कूड़े कचड़े फैलाए जा रहे हैं। जिसके चलते जल और वायु में जहरीला परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने बताया कि कभी कभी ऐसा भी हो रहा है कि अचानक से बिना मौसम के बारिश हो जाना और गर्मी होना। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को खेती करने के समय जब बारिश नहीं होती है, तो बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है

मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला के सौसर प्रखण्ड से इंदिरा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मानव जनित कारणों से हो रहा है जलवायु परिवर्तन। जलवायु परिवर्तन से भारत देश के साथ पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है। जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है ग्रीनहाउस, शहरीकरण, औद्योगीकरण आदि। विस्तारपूर्वक खबर के लिए क्लिक करें ऑडियो पर

मध्य प्रदेश राज्य से मोबाइल वाणी के माध्यम से सारण दगे बोल रहें हैं की जल वायु परिवर्तन का मुख्य कारण पेड़ो का कटना है। जिस प्रकार से पेड़ काटे जा रहें हैं उसका प्रभाव धरती और वयक्ति पर पद रहा है। पेड़ लगाते कम हैं और काटते ज्यादा हैं। और बहुत सी कम्पनिया अपना कचड़ा नाली के माध्यम से बाहर निकालते हैं जिसका असर धरती पर पद रहा है इसलिए तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है।

मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से पूजा डोंगरे बोल रही हैं किसानो ने खेती के लिए बहुत मेहनत की है और कर रहें हैं। बता रही हैं की इस बार वर्षा बहुत होने के कारन इनके गाँव में बाढ़ आ गयी थी जिसके कारन किसानो का फसल नष्ट हो गया है। और कई जानवर भी नदी में बहाओ के कारन मर गएँ हैं। जिससे किसानो का बहुत नुकशान हुआ है इसलिए इन्हें कुछ मुवाबजा मिलना चाहियें

मध्य प्रदेश राज्य के ब्लॉक हॉस्टल से मोबाइल वाणी के माध्यम से वंदना तेलंगी बोल रही हैं की जलवायु प्रदुषण प्लास्टिक के चीजों से और मृदक खादों से हो रहा है। जलवायु प्रदुषण से पशु पक्षी मर रहें हैं और मनुष्य के स्वास्थ्य पर हानि हो रहा है। जलवायु परिवर्तन हमारे ही कारन हो रहा है हम पेड़ो को काटते हैं। चिमनी से जो धुवां निकलता है उससे प्रदुषण दूषित हो रहा है। मनुष्य के जीवन में जो बीमारियां हो रही है वो प्रदुषण के कारन ही हो रहा है

जलवायु शब्द की सामान्य परिभाषा अपना अर्थ खो चुकी है क्योंकि पर्यावरण अप्रत्याशित हो गया है मौसम कब बदल जाए कुछ पता ही नही चलता इसके लिए मनुष्य द्वारा निर्मित सभी कारक जिनका निर्माण मनुष्य ने किया है जैसे भवन, परिवहन, मार्ग, शहर, उद्योग, संचार, व्यापार, बांध, नहर, नदियों को जोडना आदी। मानव निर्मित पर्यावरण मे अनियंत्रित वृध्दि के परिणाम ने पर्यावरण प्रदूषण को जन्मा है। जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदुषण, ध्वनि प्रदूषण एवं प्रकाश प्रदुषण। परिणाम, धुंध, अकाल वर्षा, ओजोन छिद्र, ग्रीन हाउस प्रभाव, शुध्द पेयजल अनुपलब्धता, जहरीली सब्जिया, अनाज, एवं फलों के रुप में हमारे समक्ष है।

मध्य प्रदेश राज्य के ग्राम पंडरी से मोबाइल वाणी के माध्यम से शोभा चौहान बोल रही हैं की पेड़ कटने से रोकना चाहियें और पेड़ ना काटने दे। अगर दो पेड़ कट रहें हैं तो एक पेड़ लगाएंगे तो इससे जल जीवन आसान रहेगा और हवा भी सुध मिलेगा। इसलिए पेड़ जरूर लगाएं।

मध्य प्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा से मोबाइल वाणी के माध्यम से सविता तेलंगी बोल रही हैं की जलवायु प्रदुषण हमारे देश के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। जलवायु परिवर्तन के कारन बहुत साड़ी प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। जलवायु प्रदुषण के कारन जीव जंतु की प्रजातियां भी खत्म होती जा रही हैं। वर्षा पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रहा है तो खेती भी सही से नहीं हो पा रही है। जिसके कारन हमें स्वच्छ और स्वस्थ भोजन नहीं मिल पा रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारन बहुत सी समस्या उत्पन हो रही है और इसे दूर करने के लिए हमें कोई उपाय करना होगा।