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सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?

रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात गए पेटरवार का एक मजदूर पलायन की भेंट चढ़ा. पेटरवार प्रखंड अंतर्गत सदमाकला ग्राम निवासी सूरज महतो का पुत्र प्रवासी मजदूर नरेश महतो 39 वर्ष का शव गुजरात के पनौली से गुरुवार के सुबह तीन बजे सदमाकला स्थित पैतृक आवास में पहुंचा. शव पहुँचते ही परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. परिजनों का रो -रो कर बुरा हाल हो गया. वहीं गाँव में मातमी सन्नाटा छा गया. मृतक अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था. उसके दो पुत्र व एक पुत्री है. उसकी मौत के बाद परिजनों के समक्ष विकट स्थिति पैदा हो गई है. मृतक की पत्नी जमनी देवी रह -रह कर बेहोश हो जा रही थी.  बताया गया कि  विगत 10 दिसंबर को नरेश की मौत एक सड़क हादसे में गुजरात के पनौली में हो गया था. दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो की पहल और आर्थिक सहयोग से गुजरात के पनौली में 10 दिसंबर से लावारिस हालत में पड़े मृतक नरेश महतो का शव लाया जा सका. इस संबंध में मृतक की विधवा जमनी देवी ने अपने पति का शव लाने की गुहार दर्जा प्राप्त मंत्री से की थी और जिनके   प्रयास से मृतक का शव सदमाकला लाया गया. परिजनों ने बताया कि हजारीबाग जिला के जमनी जारा गांव के प्रदीप कुमार नामक व्यक्ति काम करने के लिए एक महीना पूर्व गुजरात के पनौली ले गया था. मृतक नरेश महतो अपनी पत्नी जमनी देवी से कहा था कि छह महीने तक गुजरात में काम कर रूपये कमाने के बाद जल्द ही घर वापस आ जाउंगा. पर यह नियति को मंजूर नहीं था वह सड़क दुर्घटना का शिकार बन गया और उसका शव घर पहुंचा. परिजनों ने यह भी बताया कि उसके साथ कंपनी के सुपर वाइजर की ओर से हमेशा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. घटना की जानकारी पाकर बुधवार की मध्य रात्रि में दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद मृतक के सदमाकला स्थित निवास पर परिजनों से मिले और शोक व्यक्त करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया. उन्होंने हर संभव सहयोग करने की बात भी  कही. शव पहुँचने की सूचना पा कर जिप सदस्य प्रह्लाद महतो, सदमा कला पंचायत की मुखिया साबित्री देवी के प्रतिनिधि लालदेव महतो, संतोष कुमार महतो सहित काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और शोक व्यक्त करते हुए परिजनों को ढाढ़स बंधाया.

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