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झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से मुद्रिका कुमारी की बातचीत बोकारो मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से हुई। लू से बचने के उपाय बताते हुए इनका कहना है कि धूप में खुला नहीं निकलना चाहिए। अगर निकलते भी है तो सिर में कुछ ढ़क कर निकलना चाहिए। पानी भी लगातार पीते रहना चाहिए। लू लगने पर चिकित्सकों से तुरंत इलाज़ करवाना चाहिए। बुखार तेज़ होने पर रोगी को ठंडी खुली हवा पर ही आराम करना चाहिए

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से मुंद्रिका मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारी श्रोता से बात कर रही है। श्रोता का कहना है कि इस बढ़ती गर्मी के दिंनोन में हमे लूह से बचना बहुत जरूरी है साथ ही इससे बचने के लिए हमे अपने पुरे शरीर को ढक कर रखना चाहिए। आगे कहती है कि पानी का सीवान अधिक करना चाहिए तथा यदि लूह लग जाये तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से मुंद्रिका क्षेत्र के एक युवक से लूह से बचने के बारे में बात कर रही है। युवक का कहना है कि लूह से बचने के लिए अपने पूरे शरीर को धक् के रखना चाहिए धुप से आने के बाद तुरंत ठंढी जगह पर न जाए। आगे कह रहे है कि लूह से बचने के लिए पानी का सेवन अधिक करना चाहिए तथा लूह लग जाने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से बालेसर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इस ताप्ती गर्मी के दिनों में स्कूली बच्चों को धुप का शिकार बनना पड़ रहा है। आगे कह रहे है कि धुप इतना तेज़ पड़ रहा है कि कई स्कूली बच्चों को लूह लगने की जानकारी मिल रही है। क्षेत्र में दो अलग अलग स्कूल की दो लड़कियाँ आज धुप्प के कारण बेहोश हो गई फिर भी शिक्षा विभाग का ध्यान स्कूली बच्चोंपर नहीं पड़ रहा है।

सरकार ने दो साल बाद स्कूलों का सत्र शुरू किया है और मासूमों को तपती धूप में कक्षाएं लेने जाने पर मजबूर किया जा रहा है. इतना ही नहीं खेल प्रतियोगिताएं तक आयोजित हो रही हैं, कोचिंग संस्थानों के बाहर भी छात्रों की अच्छी खासी संख्या है. परिजन उनकी शिक्षा को लेकर परेशान हैं पर बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी तो जरूरी है? साथियों, हमें बताएं कि आप अपने बच्चों को लू से बचाने के लिए कौन से उपाय कर रहे हैं? क्या आपको उन घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी है जो स्वास्थ्य पर गर्मी के असर को कम करते हैं? बच्चोें को ऐसे मौसम में स्कूल भेजने के फैसले पर आप सहमत हैं या नहीं? क्या स्कूल प्रबंधन बच्चों को रोजाना स्कूल आने पर मजबूर कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो आपको अपनी बात हमसे कहें, मोबाइलवाणी के अभियान मुझे भी कुछ कहना है में! अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.